बिहारी जी मंदिर में पर्दा बार-बार क्यों खींचा और गिराया जाता है :-
कि बांके बिहारी जी भक्तों की भक्ति से इतना प्रभावित हो जाते हैं कि मंदिर में अपने आसन से उठकर भक्तों के साथ हो लेते हैं, इसीलिए मंदिर में उन्हें परदे में रखकर उनकी क्षणिक झलक ही भक्तों को दिखाई जाती है। यह भी पढ़ें – जिनका दिल मोहन की चौखट का दीवाना लिरिक्स
पुजारियों का एक समूह दर्शन के वक्त लगातार मूर्ति के सामने पड़े पर्दे को खींचता-गिराता रहता है और उनकी एक झलक पाने को बेताब श्रद्धालु दर्शन करते रहते हैं और बांके बिहारी हैं, जो अपनी एक झलक दिखाकर पर्दे में जा छिपतें हैं।
लोक कथाओं के अनुसार कई बार बांके बिहारी कृष्ण ऐसा कर भी चुके हैं, मंदिर से गायब हो चुके हैं, इसीलिए ये पर्देदारी की जाती है। एक श्रद्धालु के अनुसार ! मंदिर मे दर्शनार्थ आए श्रद्धालु बार-बार उनकी झलक पाना चाहते हैं, लेकिन पलक झपकते ही वो अंतर्ध्यान हो जाते हैं। यह भी पढ़ें – हमको कन्हैया एक तेरा ही आधार है भजन
उनके पास खड़े एक श्रद्धालु बताते हैं कि ऐसे ही हैं हमारे बांके बिहारी ! सबसे अलग, सबसे अनूठे।
ये पर्दा इसलिए खींचते और गिराते है कि भक्त बिहारी जी से ज़्यादा देर तक आँखे चार न कर सकें क्योंकि कोमल हृदय बिहारी जी भक्तों की भक्ति व उनकी व्यथा से इतना द्रवित हो जाते हैं कि मंदिर मे अपने आसन से उठकर भक्तों के साथ हो लेते हैं। यह भी पढ़ें – बनोगे राधा तो ये जानोगे की कैसा प्यार लिरिक्स
वो कई बार ऐसा कर चुके हैं, इसलिए अब ये पर्दा डाल दिया गया है ताकि वे टिककर बैठे उनका भोला सा स्पष्टीकरण है अगर ये एक भक्त के साथ चल दिए तो बाकियों का क्या होगा?
विस्मित से भक्त बता रहे हैं! एक बार राजस्थान की एक राजकुमारी बांके बिहारी जी के दर्शनार्थ आईं लेकिन वो इनकी भक्ति में इतनी डूब गई कि वापस जाना ही नहीं चाहती थीं। परेशान घरवाले जब उन्हें जबरन घर साथ ले जाने लगे तो उसकी भक्ति या कहें व्यथा से द्रवित होकर बांके बिहारी जी भी उसके साथ चल दिए। यह भी पढ़ें – श्याम चूड़ी बेचने आया हिंदी लिरिक्स
इधर मंदिर में बांके बिहारी जी के गायब होने से भक्त बहुत दु:खी थे। आखिरकार समझा बुझाकर उन्हें वापस लाया गया। भक्त बताते हैं कि उन पर यह पर्दा तभी से डाल दिया गया, ताकि बिहारी जी फिर कभी किसी भक्त के साथ उठकर नहीं चल दें और भक्त उनके क्षणिक दर्शन ही कर पाएं, सिर्फ झलक ही देख पाएं।
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