बुराई करने वालों को जवाब देने में समय बर्बाद न करें
बुराई करने वालों को जवाब देने में समय बर्बाद न करें : एक प्रचलित पूर्व कथा के अनुसार किसी गांव में एक महान संत का आगमन हुआ। वह संत बहुत ही सरल स्वभाव के थे। उनके पास जो भी आता उसको ज्ञान की सही बातें बताते थे।
इस कारण गांव में उनकी ख्याति काफी फैल हुई थी। संत की प्रसिद्धि को देखकर एक पंडित उनसे घृणा करने लगा। पंडित को डर था कि अगर संत के पास सभी लोग जाने लगेंगे, तो उसका धंधा चौपट हो जाएगा।
इसीलिए पंडित ने गांव में संत के लिए गलत बातें फैलाना शुरू कर दी। एक दिन संत के शिष्य को ये मालूम हुआ, तो वह क्रोधित हो गया। शिष्य तुरंत ही अपने गुरु के पास आया l
और बोला कि गुरुदेव वह पंडित आपके बारे में झूठी बातें फैला रहा है। हमें उस पंडित को जवाब देना चाहिए। उन महान संत ने अपने शिष्य से कहा कि तुम गुस्सा न करो l
क्योंकि हम अगर उसे जवाब देंगे, तो क्या ये बातें फैलना बंद हो जाएंगी, ये बातें तो होती रहेंगी। इसीलिए हमें उसे जवाब देने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
संत ने अपने शिष्य को समझाया l कि जब हाथी चलता है, तो कुत्ते भौंकते ही हैं। अगर हाथी उन कुत्तों से लड़ने लगेगा तो उसका ही कद छोटा हो जाएगा, वह कुत्तों के समान माना जाएगा।
इसीलिए हाथी कुत्तों के भौंकने पर ध्यान नहीं देता है। वह आराम से अपने पर रास्ते चलता रहता है। ये बातें सुनकर शिष्य का क्रोध शांत हो गया।
शिक्षा:- हमें बुराई करने वालों को जवाब देने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने पर हमारा ही नुकसान है। हमारा अपना समय ही बर्बाद होगा। हमें सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। बुराई करने वाले लोग कभी शांत नहीं हो सकते हैं। इसीलिए ऐसी बातों पर क्रोधित नहीं होना चाहिए।
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