हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती हैं l
हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती हैं l
और कहा महाराज आप बड़े हैं ,आप वर पक्ष वाले हैं, यह उल्टी गंगा कैसे बहा रहे हैं, इस पर महाराज दशरथ ने एक सुंदर बात कही, महाराज आप दाता हैं कन्यादान कर रहे हैं, मैं तो याचक हूं, यही रात अंतिम यही रात भारी रामायण लिरिक्स
आपके द्वारा कन्यादान लेने आया हूं lअब आप ही बताइए राजन दाता और याचक में कौन बड़ा है, यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से अश्रुधारा बहने लगी l राधा के मन में बस गए श्याम बिहारी हिंदी भजन लिरिक्स
भाग्यशाली है वह जिनके घर पर होती हैं बेटियां, हर बेटी के भाग्य में पिता होता है लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती ll श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे, कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे
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