जानें चतुर्मास में सर्वोत्तम कार्तिक मास के सात नियम क्या हैं :
इस साल कार्तिक मास 16 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ होकर 19 नबंवर 2021 तक रहेगा। शरद पूर्णिमा के बाद से कार्तिक का महीना लग जाएगा। सभी माह में कार्तिक माह को सर्वश्रेष्ठ माह माना गया है। यह माह पाप का नाश करते व्यक्ति के सभी संकट दूर कर देता है और धन, सुख, समृद्धि, शांति एवं निरोग प्रदान करता है।
सनातन धर्म के ग्रंथों में इस माह में व्रत और तप करना विशेष महत्वपूर्ण बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस माह में जो मनुष्य संयम, संग, नियम का पालन करेगा। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। परम पवित्र चतुर्मास में भी सर्वोत्तम मास कार्तिक मास में सात नियमों का पालन करना आवश्यक बताया गया है।
कार्तिक मास के सात नियम हैं। यदि सातों नियम पालन हो जायें तो सर्वोत्तम। यदि सभी सम्भव ना हो तो जो 1,2,3,4 सम्भव हों वह करना भी उत्तम रहेगा।
1.कार्तिक मास में तुलसी के पौधे की पूजा करना और उनकी सेवा करना इस महीने में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। कहते हैं, कि कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।
2. कार्तिक मास में जमीन पर सोना चाहिए। ऐसा माना जाता है, कि जमीन पर सोने से मन में पवित्र विचार आते हैं।
3. कार्तिक मास में शरीर पर तेल नहीं लगाया जाता है। इस महीने में सिर्फ एक दिन यानी नरक चतुर्दशी पर ही तेल लगाया जाता है।
4. कार्तिक के पवित्र महीने में दीपदान अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में दीपदान किया जाता है।
5. कार्तिक में खाने-पीने को लेकर भी कई नियम हैं। कार्तिक मास में दाल खाना निषेध होता है। इस महीने उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए।
6. कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन न करना अशुभ माना गया है।
7. कार्तिक मास में व्यवहार में संयम रखना चाहिए। इस माह में किसी तरह के झगड़े या विवाद में न पड़ें।
कार्तिक मास को चतुर्मास के चार पवित्र मासों में सर्वोत्तम माना गया है।
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