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अयोध्या में बन रहा है श्री राम मंदिर कब तक होगा निर्माण

अयोध्या में बन रहा है श्री राम मंदिर कब तक होगा निर्माण

अयोध्या में बन रहा है श्री राम मंदिर कब तक होगा निर्माण :- 05 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी

ने राम जन्म भूमि का पूजन किया था I 4 अगस्त 2021 को 1 साल पूरे होने के अवसर पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक आधिकारिक घोषणा दस्तावेज जारी किया है I

  • इस आधिकारिक घोषणा में ट्रस्ट ने कहा है I कि साल 2023 के आखिरी महीने तक श्री राम मंदि का काम इतना पूरा हो जाएगा I कि दर्शन हो सकेंगे I और साल 2025 तक मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहेगा I लेकिन साथ ही श्रद्धालु दर्शन भी कर सकेंगे I
  • इस वक्त श्री रामलला मंदिर की नींव को भरने का काम किया जा रहा है I कोरोना के कारण हुई देरी का कोई असर न पड़े I इसलिए बहुत तेजी से 2 शिफ्टों में यह काम पूरा किया जा रहा है I
  • ट्रस्ट के मुताबिक अक्टूबर 2021 तक राम मंदिर की नींव पूरी तरह भर दी जाएगी I और इसके बाद श्री राम मंदिर की दीवारों को उठाने का काम शुरू हो जाएगा I
  • इस वक्त श्रीराम जन्मभूमि में 150 इंजीनियरों की टोली काम कर रही है I लोडर, रोलर, बैचिंग प्लांट समय कुल 50 मशीनें बहुत तेजी से श्री राम जन्मभूमि पर एक्टिव है I और श्रीराम मंदिर में लगने वाली सामग्री की आपूर्ति के लिए 200 ट्रक लगे हुए हैं I जो लगातार रात दिन काम कर रहे हैं I
  • श्रीराम जन्मभूमि पर नींव भरने का काम लगातार जारी है I लेकिन नींव भरने के काम में ट्रस्ट को बड़ी चुनौतियों को झेलना पड़ रहा है I दरअसल यह पूरा इलाका बहुत लंबे समय से वीरान पड़ा हुआ था I
  • श्रीराम जन्मभूमि नीचे भी 3 प्राचीन मंदिरों की परत मौजूद है I यह तीन मंदिर कई हजार सालों अलग-अलग समय पर बनाए गए थे I नींव की खुदाई और समतलीकरण में इन प्राचीन अवशेषों की वजह से समय लगा I
  • मंदिर की मजबूती का ध्यान रखने के लिए और भूकंप से मंदिर को कोई नुकसान ना पहुंचे I मंदिर हजारों सालों तक सुरक्षित रहे I इसके लिए जन्म भूमि की मिट्टी की जांच भी बेहद जरूरी थी I इसके अलावा श्रीराम जन्मभूमि सरयू नदी से काफी करीब है I इसलिए बाढ़ के प्रभाव का आकलन भी करना जरूरी था I
  • साथ ही यह तय करना था I कि मंदिर की नींव को कितना गहरा खोदा जाना चाहिए I मिट्टी की जांच के लिए ट्रस्ट ने दो एजेंसियां लगाईं I मंदिर की नींव कितनी गहरी खोदी जाए I इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई, IIT दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर बी.एस. राजू को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया I
  • कमेटी में चर्चा हुई ! नींव को मजबूत करने के लिए विब्रो स्टोन कॉलम्स या चूना पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है I चर्चा के बाद यह तय हुआ कि 12 मीटर तक मंदिर की नींव खोदी जाएगी I और मंदिर की नींव को रोलर कॉम्पैक्टेड कंक्रीट से भरा जाएगा I
  • IIT मद्रास, CBRI रुड़की और IIT दिल्ली की सलाह के मुताबिक फ्लाई, ऐश, रेत, सीमेंट का नींव भरने में इस्तेमाल हो I नींव के अंदर डाली जाने वाली कंक्रीट 35 फीट होगी I और यह 7 फीट ग्राउंड के नीचे होगी I
  • 30 सालों के चिंतन और मंथन के बाद मंदिर को डिजाइन किया गया है I वर्ष 1992 में आर्किटेक्ट सी. बी. सोमपुरा के साथ राम जन्मभूमि न्यास का समझौता हुआ था I ट्रस्ट ने यह फैसला किया कि मंदिर के निर्माण में स्टील का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा I

“II मुख्य मंदिर में 3 फ्लोर होंगे I और पांच मंडप होंगे I मंदिर की कुल लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी I हर फ्लोर की हाइट 20 फीट होगी I ग्राउंड फ्लोर से शिखर तक ऊंचाई 161 फीट होगी I मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 160 स्तंभ होंगे I फर्स्ट फ्लोर पर 132 स्तंभ होंगे I और सेकंड फ्लोर पर 74 स्तंभ होंगे II”

  • मंदिर का निर्माण राजस्थानी पत्थरों तथा संगमरमर से किया जाएगा I और मंदिर के निर्माण में कुल 4 लाख घन मीटर पत्थरों का इस्तेमाल होगा I मंदिर के परकोटे का निर्माण जोधपुरी पत्थरों से होगा I

मंदिर के निर्माण में मिर्जापुर के पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाएगा I कुल मिलाकर अब वह समय नजदीक है I जब हर भारतीय का, हर हिंदू का हर भक्त का श्री राम मंदिर बनने का सपना साकार होगा I

भक्त अपने भगवान का हजारों लाखों बर्ष से बहुत लम्बा इंतजार करने के बाद अपने आराध्य और रघुकुल सिरोमणि भगवान श्री राम के दुर्लभ दर्शन कर सकेंगे I

सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग का संक्षिप्त ज्ञान

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