कौन सा मंत्र जपूँ मैं भगवन हिंदी लिरिक्स
कौन सा मंत्र जपूँ मैं भगवन, तुम धरती पर आओ,
दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे मिटाओ |
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु,
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु ||
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कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो भटक रहे,
कहीं तो सांसों की गिनती में, लाखों अटक रहे |
कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो भटक रहे,
कहीं तो सांसों की गिनती में, लाखों अटक रहे |
बंद है तेरे सब दरवाजे !
बंद है तेरे सब दरवाजे, कैसे तुझे मनाएं ,
कितनों को कांधे ना मिल रहे, क्या क्या तुझे बताएं |
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु,
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु ||
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मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा, गिरिजाघर होकर आये,
तेरे बिन अब कौन सहारा, कुछ भी समझ ना आये |
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा, गिरिजाघर होकर आये,
हर चौखट पर माथा टेका, कहीं तो तू मिल जाये |
कौन सा मंत्र जपूँ मैं भगवान, तुम धरती पर आओ,
दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे मिटाओ |
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु,
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु ||
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इक बेटा सरहद को सम्हाले, दूजा जान बचाये,
कर्तव्यों की राह पे देखो, बेटी कदम मिलाये |
इक बेटा सरहद को सम्हाले, दूजा जान बचाये,
कर्तव्यों की राह पे देखो, बेटी कदम मिलाये |
हर योद्धा में तू है समाया, सब है तेरे सिपाही,
“स्वस्ति” तेरी ऊँगली थामे, दो लहरों से लड़ आयी ||
तेरी जय हो प्रभु, तेरी जय हो प्रभु,
तेरी जय हो प्रभु, तेरी जय हो प्रभु,
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कौन सा मंत्र जपूँ मैं भगवन, तुम धरती पर आओ,
दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे मिटाओ |
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु,
के दरश दिखाओ प्रभु, एक वारी आओ प्रभु ||
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नोट : यह प्रभु को समर्पित एक प्रार्थना भजन है, जिसके माध्यम से गायिका स्वस्ति मेहुल जी कोरोना से पीड़ित लोगों के दुख को शीघ्र दुर करने के लिए प्रभु से आग्रह कर रही हैं और इस भजन के माध्यम से कोरोना के कारण फैली हुई दुर्दशा का संक्षिप्त वर्णन किया गया है |
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी