X

परमात्मा की खोज एक बहुत सुंदर कहानी

परमात्मा की खोज एक बहुत सुंदर कहानी : एक व्यक्ति बहुत ही मीठा बोलने वाला था। हर किसी से बड़े प्रेम का व्यवहार करता था। कभी सपने में भी किसी का दिल नहीं दुखाता था। न ही कभी कोई गलत करम करता था। एक बार नगर में कोई घटना घट गई।

किसी ने उसका नाम ले दिया और पुलिस उसे पकड़ कर ले गयी। उसे अदालत में पेश किया गया जहां उसने आपने आपको निर्दोष साबित करने का भरसक प्रयास किया। यह भी पढ़ें : राम भक्त ले चला रे राम की निशानी भजन लिरिक्स

अदालत के जज ने बड़े ध्यान से उसकी बातों को सुना और आदेश दिया कि ! तुम अपनी बात साबित करने के लिए कोई गवाह ले आओ। उसके पुलिस द्वारा पकड़े जाने के कारण नगर मे उसकी खूब बदनामी हो गई और ज्यादातर लोग उस से बात करने से कतराने लगे। यह भी पढ़ें : कर्मों का फल तो सभी को भोगना ही पड़ता हैं

जब अदालत द्वारा दी गई तारीख आई तो उसने अपने कुछ दोस्तों को अदालत में उसके हित मे गवाही देने को कहा। उन सभी ने बहाने बना कर उसे इनकार कर दिया फिर उसने अपने परिवार वालो व रिश्तेदारों को कहा।

उन्होंने कहा ! कि हम तुम्हारे साथ अदालत के दरवाजे तक तो जा सकते हैं। पर उन्होंने भी अंदर जाने और गवाही देने से इनकार कर दिया। यह भी पढ़ें : मानव अपने सपन संजोए विधिना अपनी चाल चले

वह बहुत ही दुखी मन से सड़क पर जा रहा था। रास्ते में उसे एक व्यक्ति मिला जिसके साथ उसके कोई घनिष्ठ सबंध नही थे केवल रास्ते मे जाते हुए ही राम राम होती थी। उस व्यक्ति ने जब इसको उदास देखा तो सोचा कि इसकी उदासी का कारण जानना चाहिए।

उस व्यक्ति के पूछने पर उसने उसे सारी बात बताई। बात सुनकर उस व्यक्ति ने कहा कि वह उसके साथ अदालत में जायेगा और उसके हक मे बयान भी देगा। पहले व्यक्ति ने यह कह कर उसकी मदद लेने से इनकार कर दिया कि उनके कोई इतने घनिष्ठ सबंध नही हैं कि वह उसकी मदद ले सके। यह भी पढ़ें : राम कहानी सुनो रे राम कहानी हिंदी भजन लिरिक्स

परंतु दूसरा व्यक्ति अपनी जिद पर अड़ा रहा और उसके साथ अदालत मे जा कर उस के हक में बयान दिया जिस से वह व्यक्ति बाइज्ज़त बरी हो गया।


भावार्थ :

इस कहानी में सब से आखिर में मिलने वाले व्यक्ति से भाव प्रभु से है, जिसके स्थान पर हम केवल रास्ते में चलते हुए ही माथा टेकते हैं। न तो उसकी बात मानते हैं न ही उससे घनिष्ठता करते हैं।

परन्तु वह हमेशा हमारी मदद करता है । हमे यमों की मार से बचाता है और चौरासी के गेट से निकालता है। हम उस परमात्मा को विसार कर दुनिया मे ही मस्त रहते है, जो हमारा साथ केवल शमशान तक ही दे सकते हैं। अब फैसला हमें लेना है कि हमने प्रभु से घनिष्ठता करनी है या दुनिया से !



मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया हिंदी लिरिक्स

Categories: Home

This website uses cookies.