फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी लिरिक्स
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
टेढ़ा सा मुकुट सिर पर रखा है किस अदा से I [2]
करुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह से I [2]
बिन मोल बिक गयी हूँ जब से छबि निहारी I [2]
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो राधे हिंदी भजन
गले में बहियाँ डाले जब दोनों मुस्कुराते I [2]
सबको ही अच्छे लगते सबके ही मन को भाते I [2]
इन दोनों पे मैं सदके इन दोनों पे मैं बारी I [2]
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
सुन बरसाने वाली गुलाम तेरो बनवारी लिरिक्स
श्रृंगार तेरा प्यारे शोभा कहूं क्या उसकी I [2]
शोभा कहूं क्या उसकी शोभा कहूं क्या उसकी I [2]
इत् पे गुलाबी पटुका उत पे गुलाबी साड़ी I [2]
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
सुख के सब साथी दुख में ना कोई हिंदी भजन
नीलम से सोहे मोहन स्वर्णिम सी सोहे राधा I [4]
उज्जवल किरण सी राधा उज्जवल किरण सी राधा I
स्वर्णिम सी सोहे राधा स्वर्णिम सी सोहे राधा II
इत् नंद का है छोरा उत भानु की दुलारी I [2]
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
राम कहानी सुनो रे राम कहानी हिंदी लिरिक्स
चुन चुन के कलियाँ जिसने ये बंगला तेरा बनाया I[4]
भिन्न भिन्न आभूषणों से जिसने तुझे सजाया I [2]
उन हाथों पे मैं सदके उन हाथों पे मैं बारी
फूलों में सज रहे हैं श्री वृंदावन बिहारी I [2]
और साथ सज रही है बृषभान की दुलारी I [2]
बृषभान की दुलारी, बृषभान की दुलारी I
बृषभान की दुलारी, बृषभान की दुलारी I
Singer -Shri Vinod Agarwal ji
हर सांस में हो सुमिरन तेरा यूँ बीत जाए जीवन मेरा हिंदी भजन
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तेरी माया का ना पाया कोई पार की लीला तेरी तू ही जाने
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी