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राधे तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया भजन लिरिक्स

राधे तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया भजन लिरिक्स

राधे राधे राधे ओ राधे ब्रजमण्डल की ठुकरानी,
तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया,
तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया,
नमहूँ भगवती, नमहूँ शास्वती, नमहूँ नमहूँ महामाया।


श्रीकृष्ण स्वंय तुझको अपनी आह्लादिनी शक्ति बताते हैं,
वेदांत कहे राधेमोहन में, माया ब्रह्म के नाते हैं,

गोलोक से लेके गोकुल तक, सब तेरा ही यश गाते हैं,
जो कृष्ण को पाना चाहते हैं, वो राधे का ध्यान लगाते हैं,

कृष्ण समाहित यूँ तुझमे है,
कृष्ण समाहित यूँ तुझमे है,
शब्द में अर्थ समाया,
के तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया,
तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया।


राधा प्रेम की तू वो धारा, हरी अविरल जिसमे स्नान करें,
हे कृष्णमयी तुझको ही समर्पित, मुरली की हर तान करें,

जिनके चरणों का महालक्ष्मी, निसदिन सेवा रस पान करें,
वे ठाकुर सेवा कुञ्ज में तेरे, चरणों का सम्मान करें,

सर्वाधिका राधिका कहे हरी,
सर्वाधिका राधिका कहे हरी,
गौरव तेरा बढ़ाया,
के तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया,
तेरे जैसा भाग्य किसी ने ना पाया।


राधे कृष्णा……
मुझ अबोध पर दोनों रखना,
मुझ अबोध पर दोनों रखना,
अनुकम्पा की छाया,
मैंने भक्ति विवश गुण गया,
मैं तो युगल चरण में आया।


यह तो प्रेम की बात है उधो बंदगी तेरे बस की नहीं है लिरिक्स 


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Categories: Krishna Bhajan

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