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संतों के वचनों को परमात्मा भी नहीं काटता है।

संतों के वचनों को परमात्मा भी नहीं काटता है।

: एक बार नारद जी एक घर के सामने से निकल रहे थे। कि उस घर की स्त्री ने उन्हें बुलाकर पूछा। कि हमारी बहु को संतान नहीं हो रही है। आप कृपा करके बताएं। कि उसके भाग्य में संतान सुख है या नहीं? समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्न कौन से थे?

नारद जी ने माई की बहु का हाथ देखकर बताया, इसे इस जन्म में तो क्या, सात जन्मों तक में भी संतान नहीं होगी।
नारद जी तो ऐसा बता कर चले गए पर भगवान की लीला अपरंपार है। संयोग से उसी समय एक संत उसी दरवाजे पर आ रुके। न मालूम उनके मन में क्या आया, उनके मुख से निकला – कोई भूखे संत को रोटी खिला दो। कौन हैं भगवान शिव ? (Who is lord Shiva?)

जो मुझे एक रोटी देगा, भगवान उसे एक संतान देंगे। माई ने सुना तो बोली – महाराज ! आप भोजन ग्रहण करें। बात रही संतान की तो जो भाग्य में ही न लिखा हो, वह होना कैसे संभव है? संत कईं दिनों से भूखे थे, सात रोटियाँ खा कर आगे की ओर चले। बिहारी जी मंदिर में पर्दा बार-बार क्यों खींचा और गिराया जाता है।

भगवान की लीला :

वर्ष बीतते-बीतते, उस बहु को सात वर्षों में सात संतानें हो गईं। सात वर्ष के बाद नारद जी दोबारा उधर रास्ते से निकले तो उस आँगन में सात बालकों को खेलते देख कर उसी माई के पास रुक कर पूछने लगे कि माई ये बालक किसके हैं? माई से जाना कि ये बालक तो उसी बहु के हैं जिसका हाथ देखकर बताया था की इसके बच्चे नहीं होंगे, नारद जी भगवान के पास जा पहुँचे।

भगवान जी तो सब जान ही रहे थे, वे सिर दर्द का बहाना बना कर लेट गए। नारद जी ने देखा तो प्रसंग भूल कर दर्द का उपाय पूछा। भगवान ने कहा कि यदि कोई संत अपना कलेजा काट कर दे दें, तो यह दर्द दूर हो जाए। नारद जी स्थान-स्थान भटके पर किसी ने भी कलेजा नहीं दिया। स्त्री सदैव ही पूजनीय है।

भगवान ने नारद जी को खाली हाथ आते देखा तो कहा कि असली दाता के पास तो तुम पहुँचे ही नहीं। जाओ अमुक स्थान पर एक संत रहते हैं, उनसे माँग लाओ। नारद जी पहुँचे तो वे वही संत थे जिन्होंने माई को संतान होने का वचन दिया था। उन्होंने सारी घटना सुनी तो तुरंत अपना कलेजा काट कर नारद जी को दे दिया। एक भक्त का बाल श्री कृष्ण के प्रति विशुद्ध प्रेम !

नारद जी पुनः भगवान के पास पहुँचे तो देखा कि भगवान अपने सिंहासन पर बैठे मुस्कुरा रहे हैं और वही संत उनके साथ बैठे हैं। भगवान जी बोले – नारद ! जो संत मेरे लिए अपना कलेजा काट कर दे सकता है, तो उस संत का वचन पूरा करने के लिए मैंने उस माई को सात बालक दे दिए तो कौन सा अपराध कर दिया? श्रीकृष्ण (बाल गोपाल) के बचपन की मनमोहक कथा

धन्य हैं ऐसे संत जिनका वचन परमात्मा भी नहीं काट सकते। क्या स्त्री किसी को गुरु बना सकती है?

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