सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया भजन
सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया भजन
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, मेरा दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा
तीसरा नजरें मिलाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी
तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहंदी लगी
तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे पांव नाजुक, दूसरा पायल बंधी
तीसरा घुंघरू बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा
तीसरा खिचड़े का खाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तेरे साथ राधा, दूसरा रुक्मणी खड़ी
तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रिय तम मेरे
तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, मेरा दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया
- पांच प्रसिद्ध प्रयाग कौन से हैं?पांच प्रसिद्ध प्रयाग कौन से हैं? पांच प्रसिद्ध प्रयाग कौन से हैं? उत्तराखंड देवभूमि है। यहां पंच प्रयाग के दर्शन… Read more: पांच प्रसिद्ध प्रयाग कौन से हैं?
- भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा?भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा? भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा? : प्राचीन काल में तारकासुर नाम… Read more: भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा?
- महादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्समहादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्स महादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्स महादेव शंकर हैं जग… Read more: महादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्स
- पंच कन्याओं का रहस्य क्या है और उनके नाम क्या हैं?पंच कन्याओं का रहस्य क्या है और उनके नाम क्या हैं? पंच कन्याओं का रहस्य क्या है और उनके नाम… Read more: पंच कन्याओं का रहस्य क्या है और उनके नाम क्या हैं?
- हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी हिंदी लिरिक्सहे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी हिंदी लिरिक्स
पत्थर की राधा प्यारी पत्थर के कृष्ण मुरारी लिरिक्स
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी