श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे हिंदी भजन लिरिक्स
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
अरे श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे।
नाथ तू तो जन्म का चोर है, तेरी लीला का ओर न छोर है।
आधी रात को चोरी चोरी बंदी गृह में आया।
चोरी चुपके सबसे छुपके गोकुल धाम को धाया।
अपने ही घर चोरी करके माखन तूने खाया।
हो आखिर चोरी करना सारे ग्वालों को सिखलाया
अरे हो जमुना के तट पे सखियों के तूने चीर चुराये।
डीट अनाड़ी छलिया झूठा प्रेम की गाली खाएं।
सखियों ने तेरी सखियों ने नाम तेरे क्या-क्या धरे।
चोरी करे और बर जोरी करें।
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे।
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे।
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे II 1 II
पापी कंस के भेजे सारे, तूने एक-एक कर संघारे।
पूतना ने आकर तुझे विष भरा दूध पिलाया।
माता की गति देकर उसे अपने धाम पहुंचाया।
असुर तृणावर्त आया तो तिनके से उसे उड़ाया।
संग अघासुर और बकासुर को सुर लोक पटाया।
अरे हो नाग कालिया को मथ डाला।
फन पे किया तूने नर्तन।
ब्रज की रक्षा हेतु उठा लिया उंगली पे गोवर्धन।
ओ जय जय गोवर्धन गिरधारी जय जय गोवर्धन गिरधारी।
इंद्र और ब्रह्मा के मान भी हरे।
इंद्र और ब्रह्मा के मान भी हरे।
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे।
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे।
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे II 2 II
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
अरे श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे
कृष्ण गोपाल गोविंद माधव हरे
श्याम तेरे काम बड़े अचरज भरे।
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