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प्रेम की अटपटी बोली-गोपिकागीतम्

प्रेम की अटपटी बोली (श्रीकृष्णचरितामृतम्) - गोपिकागीतम्:- उस गोपी के मुख से ये सुनते ही श्रीराधारानी हँसी। कुछ भी ! कुछ भी कह रही हो ! श्रीराधा ने कहा !…

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