तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले l
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले l
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
सारे जग में तेरा ही तो एक नूर है l
मेरा कान्हा भी तुझसे ही मशहूर है ll
बदकिस्मत है वह जो तुझसे दूर है l
हां तुझसे दूर है, तुझसे दूर है l
तेरे नाम का हर मस्ताना मिले ll
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
तेरी रहमत के गीत गाने आया हूं मैं l
कई गुनाहों की सौगात लाया हूं मैं l
कर दो करुणा जगत का सताया हूं मैं ll
दर पर आया हूं मैं, आज आया हूं मैं l
कर दो करुणा जगत का सताया हूं मैं l
रहमत का इशारा नजराना मिले ll
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
तेरी बंसी पायल उनकी बजती रहे l
जोड़ी प्रीतम प्यारे की सजती रहे ll
तेरे रसिकों पे छायी ये मस्ती रहे l
तेरे चरणों की रज में ठिकाना मिले ll
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
तेरा बरसाना राधे मेरी जान है l
मेरे अरमानों की आन है शान है l
तेरी गलियों मै चाकर ये कुर्बान है ll
हां यह मेरी जान है मेरी जान है l
गाऊ जब भी तेरा अफसाना मिले ll
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
खुश रहे तू सदा यह दुआ है मेरी l
बरसाना फले यह सदा है मेरी ll
तेरे चरणों में रहना सजा है मेरी l
रवि रस का सदा ही दीवाना मिले ll
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले।
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले l
मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले ll
–मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी