तेरी माया का ना पाया कोई पार हिंदी भजन लिरिक्स
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने I
तू ही जाने ओ श्यामा तू ही जाने I
तू ही जाने ओ श्यामा तू ही जाने I
सारी दुनिया के सिरजन हार, की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने I
बंदी ग्रह में जन्म लिया, और पल भर वहाँ ना ठहरा, तू तो पल भर वहाँ ना ठहरा I
टूट गए सब ताले सो गये, देते थे जो पहरा, वहाँ देते थे जो पहरा I
आया अम्बर से सन्देश मानो वासुदेव आदेश I
आया अम्बर से सन्देश मानो वासुदेव आदेश I
बालक लेकर जाओ नन्द जी के द्वार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II1II
बरखा प्रबल चंचला चपला, कंस समान डरावे, बैरी कंस समान डरावे I
ऐसे मे शिशु को लेकर कोई, बाहर कैसे जावे, कोई कैसे बाहर जावे I
प्रभु का सेवक शेषनाग देखो जागे उसके भाग I
प्रभु का सेवक शेषनाग देखो जागे उसके भाग I
उसने फन पे रोका बरखा का भार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II2II
वासुदेव जी हिम्मत हारे, देख चढ़ी जमुना को, जी हां देख चढ़ी जमुना को I
चरण चूमने की अभिलाषा, थी हिमगिरि ललना को, हां हिमगिरि ललना को I
तूने पग सुकुमार दिये पानी में उतार I
तूने पग सुकुमार दिये पानी में उतार I
छू के रास्ता बन गई जमुना जी की धार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II3II
नन्द के घर पहुंचे यसोदा को, भाग्य से सोते पाया, उसे भाग्य से सोते पाया I
कन्या लेकर शिशु छोड़ा तो, हाय रे दिल भर आया, हाय रे हाय दिल भर आया I
कोई हंसे चाहे रोये तू जो चाहे वही होय I
कोई हंसे चाहे रोये तू जो चाहे वही होय I
सारी बातों पे तुझे है अधिकार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II4II
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लो आ गई राक्षसी पूतना, माया जाल बिछाने, वो तो माया जाल बिछाने I
माँ से बालक छीन के ले गई, बिष भरा दूध पिलाने, लगी बिष भरा दूध पिलाने I
तेरी शक्ति का अनुमान कर ना पाई वो नादान I
तेरी शक्ति का अनुमान कर ना पाई वो नादान I
जिस को मारा तूने उसको दिया तार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II5II
मनभावन मन मोहिनी सूरत, देख यशोदा मुस्काए, उसे देख यशोदा मुस्काए I
नंद बाबा भी खुशी के मारे, फुले नहीं समाए, बाबा फूले नहीं समाए I
बोले लाल हमारा प्यारा अपनी आंखों का है तारा I
बोले लाल हमारा प्यारा अपनी आंखों का है तारा I
दोनों जान से ज्यादा करते उसे अपनी प्यार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II6II
श्याम ! श्याम ! श्याम ! श्याम !
मुझे दर्शन दो, दर्शन दो !
प्रभु दर्शन दो, दर्शन दो II
जोगी दर पे अलख जगाए, ललना देखन आये, जोगी ललना देखन आये I
बोली यशोदा लाल ना दिखाऊं, देख तुम्हें डर जाए, वो तो देख तुम्हें डर जाए I
नाही चाहूं चांदी सोना बस दिखला दो श्याम सलोना I
नाही चाहूं चांदी सोना बस दिखला दो श्याम सलोना I
दर्शन पाके छोडूंगा तेरा द्वार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II7II
दर्शन पाकर शिव शंकर जी, मन ही मन हरषाये, शिव मन ही मन हरषाये I
शिव को साधु रूप में देखके, नारायण मुस्काए, देखो नारायण मुस्काए I
बोले लाल है तेरा प्यारा यह तो नारायण अवतारा I
बोले लाल है तेरा प्यारा यह तो नारायण अवतारा I
हो इसके चरणों में है सारा संसार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II8II
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नटखट कान्हा बड़ा सयाना, ब्रज में मचा है शोर, देखो ब्रज में मचा है शोर I
ओ माखन खाए मटकी फोड़े, और करे बरजोर, कान्हा और करे बरजोर I
सारी गोपी देत उलहना माखन चोर माँ तेरा कान्हा I
सारी गोपी देत उलहना माखन चोर माँ तेरा कान्हा
मैया बोली मैं समझा के गई हार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II9II
बोली यशोदा एक दिन अपने, उस नटखट चंचल, बोली उस नटखट चंचल से I
मैं ना मानूं बांध के डारूँ, आज तोहे ओखल से, बाँधू तुझे ओखल से I
मैया जितना बांधती कसती छोटी पड़ती जाती रस्सी I
मैया जितना बांधती कसती छोटी पड़ती जाती रस्सी I
रस्सी बांध-बांध के मैया गई हार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II10II
अब ना करूंगा चोरी मैया, मैं तोकू समझाऊं, मैया मैं तोकू समझाऊं I
चुरा-चुरा कर दूध दही, और माखन मैं नहीं खाऊं, मैया माखन मैं नहीं खाऊं I
रोता देखा जब कन्हाई मैया दौड़ के वापस आई I
रोता देखा जब कन्हाई मैया दौड़ के वापस आई I
अपने सीने से लगा के किया प्यार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II11II
माटी खाई जब कान्हा ने, माँ ने मुख खुलवायो, देखो माँ ने मुख खुलवायो I
मुँह खोला तो मुँह के अंदर, सब ब्रह्माण्ड दिखायो, कान्हा तब ब्रह्माण्ड दिखायो I
देखके माँ का सर चकराया बोली अद्भुत तेरी माया I
देखके माँ का सर चकराया बोली अद्भुत तेरी माया I
तू तो नारायण का लागे अवतार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II12II
ग्वाल बाल संग खेल खेल में, गेंद गिरी यमुना में, देखो गेंद गिरी यमुना में I
गेंद को लेने कूद गए थे, कान्हा कालीदह में, कूदे कान्हा कालीदह में I
काली नाग बड़ा विषधारी जिससे डरते थे नर नारी I
काली नाग बड़ा विषधारी जिससे डरते थे नर नारी I
उसके फन पे नाचते आये वो तो भार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II13II
श्याम ! श्याम ! श्याम ! श्याम !
मुझे दर्शन दो, दर्शन दो !
प्रभु दर्शन दो, दर्शन दो II
ग्वाल बाल संग गैय्या चराये, जा कर कजरी वन में, कान्हा जा कर कजरी वन में I
मधुर मुरलिया ऐसे वजाये, भाये सब के मन में, मुरली भाये सब के मन में I
संग में ग्वाल बाल की टोली मीठी कान्हा तेरी बोली I
मीठी कान्हा तेरी बोली संग में ग्वाल बाल की टोली I
सीधी दिल पे जाके करती है वार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II14II
जिद कर कान्हा बोले माँ से, मोहे दुल्हनियां ला दो, मैया मोहे दुल्हनियां ला दो I
ओ बरसाने की राधा रानी, से मेरो ब्याह करा दो, मैया मेरो ब्याह करा दो I
ना में वृंदावन को जाऊं तेरी गैय्या नाही चराऊँ I
ना में वृंदावन को जाऊं तेरी गैय्या नाही चराऊँ I
हां कर दे तू, ना कर इंकार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II15II
जा पनघट पे मटकी फोड़े, माने ना कृष्ण कन्हाई, देखो माने ना कृष्ण कन्हाई I
रास्ता रोके जाने ना दे, ब्रज बालाएं तंग आयीं , सारी ब्रज बालाएं तंग आयीं I
कोई कितने हाथ भी जोड़े वो तो नित दिन मटकी फोड़े I
कोई कितने हाथ भी जोड़े वो तो नित दिन मटकी फोड़े I
तेरी हठ के आगे हो जायें लाचार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II16II
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बाल रूप में तूने कान्हा, खेल ये खेले सारे, तूने खेल ये खेले सारे I
तेरी शक्ति के आगे तो, बड़े बड़े दानव हारे, देखो बड़े बड़े दानव हारे I
तेरी लीला है अपरम्पार माने है सारा संसार I
तेरी लीला है अपरम्पार माने है सारा संसार I
सारे जग का तू ही पालनहार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II17II
तृणावत को लात पड़ी तो, मटकी में जा अटका,वो तो मटकी में जा अटका I
दैत्य को दूध दही से मिलाकर, चूल्हे में दे पटका, तूने चूल्हे में दे पटका I
फिर भी ना माना बदमाश प्रभु को ले पहुंचा आकाश I
फिर भी ना माना बदमाश प्रभु को ले पहुंचा आकाश I
हे वही उसका किया संहार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II18II
प्रभु भक्ति में लीन सन्यासी, भेद समझ ना पाया, कुछ भेद समझ ना पाया I
जब-जब प्रभु का ध्यान किया, ये बालक ही क्यों आया, ये बालक ही क्यों आया I
जागा साधु का विवेक शिशु में प्रभु को लिया देख I
जागा साधु का विवेक शिशु में प्रभु को लिया देख I
उसने हाथों से किया रे आहार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II19II
जब जब पाप बड़ा धरती पर, तुमने आके मिटाया, हरि तुमने आके मिटाया I
मथुरा आकर कंस को मारा, माता-पिता को छुड़ाया, अपने माता-पिता को छुड़ाया I
सब नर नारी खुशी मनाएं मथुरा नगरी शीश झुकाए
सब नर नारी खुशी मनाएं मथुरा नगरी शीश झुकाए
हो तेरी हो रही जय जयकार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II20II
श्याम ! श्याम ! श्याम ! श्याम !
मुझे दर्शन दो, दर्शन दो !
प्रभु दर्शन दो, दर्शन दो II
जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पर, तब तब तुम चले आए, कान्हा तब तब तुम चले आए I
अपने भक्तों को प्रभु आकर, सत्य की राह दिखाये, प्रभु सत्य की राह दिखाये I
तू ही राम तू ही श्याम दोनों है तेरे ही नाम I
तू ही राम तू ही श्याम दोनों है तेरे ही नाम I
तेरे चरणों में झुके है संसार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II21II
वृंदावन में रास रचाये, मुरली मधुर बजाये, कैसी मुरली मधुर बजाये।
सबके दिल पे राज करे तू, ऐसा प्रेम जताये, कान्हा ऐसा प्रेम जताये।
सबके मन को तू हरषाये ऐसी मीठी तान सुनाये।
सबके मन को तू हरषाये ऐसी मीठी तान सुनाये।
हे तुझपे वारि जायें सब ब्रज नारि।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II22II
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राधा का चित चोर कहावे, मीरा का मनमोहन, श्यामा मीरा का मन मोहन।
एक बनी तेरे दिल की रानी, एक प्रेम में जोगन, मीरा बन गई प्रेम में जोगन।
राधा तेरी प्रेम दीवानी मीरा हो गई दर्श दीवानी।
राधा तेरी प्रेम दीवानी मीरा हो गई दर्श दीवानी।
सच्चे मन से दोनों ही करें प्यार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II23II
मोर मुकुट सिर ऊपर साजे, गल वैजयंती माला, तेरे गल वैजयंती माला।
तन पे पीतांबर है सुहावे, तेरा रूप निराला, कान्हा तेरा रूप निराला।
तू तो लागे श्याम सलोना तेरे जैसा कोई न होना।
तू तो लागे श्याम सलोना तेरे जैसा कोई न होना।
तेरा सबसे है अजब श्रृंगार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II24II
इंद्र देव की पूजा छुड़ाकर, गोवर्धन पुजवाया, तूने गोवर्धन पुजवाया।
क्रोध में आकर इंद्रदेव ने, जल ही जल बरसाया, उसने जल ही जल बरसाया।
वो तो कर बैठा नादानी भर गया सारे ब्रज में पानी।
वो तो कर बैठा नादानी भर गया सारे ब्रज में पानी।
हो ऐसी बरसी वहां मूसलाधार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II25II
आ हाकार मची ब्रज में तो, तुमने करी सहाई, हरि तुमने करी सहाई।
तुमको पुकारें सब नर नारी, आओ कृष्ण कन्हाई, अब आओ कृष्ण कन्हाई।
उंगली पर गिरिराज उठाया सब को पानी से बचाया।
उंगली पर गिरिराज उठाया सब को पानी से बचाया।
हे इंद्र ने भी मानी है तेरे आगे हार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II26II
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बड़े-बड़े दानवों को संघारा, धरती का भार उतारा, तूने धरती का भार उतारा।
बचपन का वो मित्र सुदामा, जब तेरे घर आया, कान्हा जब तेरे घर आया।
तुमने उठकर सिंहासन से, उसको गले लगाया, तुमने उसको गले लगाया।
बैठा करके धोये पैर तुमने समझा नहीं गैर।
बैठा करके धोये पैर तुमने समझा नहीं गैर।
बड़े प्यार से किया था सत्कार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II27II
मित्र प्रेम में तुमने कान्हा, फांके कच्चे चावल, कान्हा फांके कच्चे चावल।
देख गरीबी अपने मित्र की, मन हुआ करुणा से घायल, तुम्हरा मन हुआ करुणा से घायल।
जो था अब तक कंगाल, तुमने कर दिया माला माल।
रे तुमने भक्तों के भरे है भंडार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II28II
रुप अनेकों धरकर कान्हा, तुम धरती पर आए, श्यामा तुम धरती पर आए
झूठे बेर कभी शबरी के खाए , कभी साग विदुर घर खाए, कभी साग विदुर घर खाए।
नरसी संग भराया भात तेरी अजब निराली बात।
नरसी संग भराया भात तेरी अजब निराली बात।
हे तूने भक्तों पे किया है उप पुकार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II29II
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छोड़कर मथुरा चले गए तुम, द्वारिका धाम बसाने, चले द्वारका धाम बसाने।
रोता छोड़ गए ब्रज को तुम, लौट के फिर ना आने, तुम लौट के फिर ना आने।
बाँट निहारे राधा रानी नैनों में भर भर के पानी।
बाँट निहारे राधा रानी नैनों में भर भर के पानी।
हे तेरी राह तके सब नर नारि।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II30II
भरी सभा में द्रुपद सुता की तुमने लाज बचाई, कान्हा तुमने लाज बचाई।
चीर बढ़ाया तुमने आकर, है श्री कृष्ण कन्हाई, जय हो तेरी कृष्ण कन्हाई।
वो अन्यायी दुशासन हारा तेरे आगे चला न चारा।
वो अन्यायी दुशासन हारा तेरे आगे चला न चारा।
चीर खींच-खींच के गया वो तो हार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II31II
महाभारत युद्ध में पांडवों के, तुम तो बने हिमाती, प्रभु तुम तो बने हिमाती।
उसको कौन हरा सकता है, तुम हो जिसके साथी, हरि तुम हो जिसके साथी।
अर्जुन के बन गए रखवान खुद ही श्री कृष्ण भगवान।
अर्जुन के बन गए रखवान खुद ही श्री कृष्ण भगवान।
दिए अपने सभी तुमने हथियार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II32II
श्याम ! श्याम ! श्याम ! श्याम !
मुझे दर्शन दो, दर्शन दो !
प्रभु दर्शन दो, दर्शन दो II
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युद्ध भूमि में जब अर्जुन को, मोह माया ने घेरा, उसे मोह माया ने घेरा।
गोती नाती बंधु सखा यंहा, कोई नही है तेरा, यंहा कोई नही है तेरा।
कहना मेरा ले तू मान सुनले गीता का ये ज्ञान।
कहना मेरा ले तू मान सुनले गीता का ये ज्ञान।
ये है माया रूपी सभी संसार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II33II
मैं ही काल हूं मैं ही जीवन, खेल है ये सब मेरा, सुन खेल है ये सब मेरा।
तू बस अपना कर्म किए जा, जो भी कर्म है तेरा, बस जो भी कर्म है तेरा।
मैं ही छांव में ही धूप देख ले मेरे कितने रूप।
मैं ही छांव में ही धूप देख ले मेरे कितने रूप।
तुमको मैंने ही दिया है अधिकार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II34II
पांडव पुत्र बर्बरीक भी युद्ध में, जब लड़ने को आया, वो जब लड़ने को आया।
किस की ओर से लड़ोगे तुमने, उसको है अजमाया, हरि तुमने उसे अजमाया।
जिसकी होगी यहां पे हार उसकी ओर लड़ूं करतार।
जिसकी होगी यहां पे हार उसकी ओर लड़ूं करतार।
हे उसकी बातों पर करें हैं विचार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II35II
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बोले हरि तुम वीर हो कितने, हमको भी दिखलाओ, जरा हमको भी दिखलाओ।
एक तीर से पेड़ के सारे, पत्ते भीद गिराओ, सारे पत्ते नीचे गिराओ।
पत्ते जितने भी थे सारे भीदे एक तीर में सारे I
पत्ते जितने भी थे सारे भीदे एक तीर में सारे I
ये होने न दे किसी की भी हार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II36II
बनके ब्राह्मण हरि ने उससे, मांगा शीश का दान, हरि ने शीश का दान।
काट के शीश दिया बर्बरीक ने, प्रसन्न हुए भगवान, देखो प्रसन्न हुए भगवान।
तुम ने दे दिया अपना नाम वो तो बन गया खाटू श्याम।
तुम ने दे दिया अपना नाम वो तो बन गया खाटू श्याम।
हे नीले घोड़े का बना रे अस्वार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II37II
अर्जुन बोला भक्त में तेरा, मुझसा भक्त न कोई, यंहा मुझसा भक्त न कोई।
छवि तुम्हारी मन में राखू, जाने ये हर कोई, प्रभु जाने ये हर कोई।
हर पल जपता में तेरा नाम, ओ गिरधारी घनश्याम।
हर पल जपता में तेरा नाम, ओ गिरधारी घनश्याम।
मेरा रोम रोम रहा तुझको पुकार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II38II
बोले हरि मेरे संग में आओ भक्त तुम्हें दिखलाऊ, आओ भक्त तुम्हें दिखलाऊ।
भेस बदल लो अर्जुन अपना, मैं भी साधु बन जाऊं, मैं भी साधु बन जाऊं।
बनाया माया रूपी शेर दोनों अलख जगाए टेर।
बनाया माया रूपी शेर दोनों अलख जगाए टेर।
जाके राजा मोरध्वज के द्वार।
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II39II
श्याम ! श्याम ! श्याम ! श्याम !
मुझे दर्शन दो, दर्शन दो !
प्रभु दर्शन दो, दर्शन दो II
हम भूखे हैं शेर भी भूखा, भोजन हमें कराओ, राजन भोजन हमें कराओ।
अपने लड़के को चिरवाकर शेर को हमरे खिलाओ,भूखे शेर को हमरे खिलाओ।
दिया लड़का अपना चीर मन में धरके अपने धीर।
दिया लड़का अपना चीर मन में धरके अपने धीर।
देखके अर्जुन का मिटा रे अहंकार I
की लीला तेरी तू ही जाने I
तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तू ही जाने II40II
पत्थर की राधा प्यारी पत्थर के कृष्ण मुरारी लिरिक्स
- पांच प्रसिद्ध प्रयाग कौन से हैं?
- भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा?
- महादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्स
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी