भगवान अपने भक्तों की रक्षा कैसे करते हैं I
एक गांव में कृष्णाबाई नाम की एक बुढ़िया झोपड़ी में रहती थी I वह श्री कृष्ण की परम भक्त थी I कृष्णाबाई का वास्तविक नाम सुखिया था I पर कृष्ण
पर झाड़ू-पोछा, बर्तन और खाना बनाना ही कृष्णाबाई का काम था I कृष्णाबाई रोज फूलों का माला बनाकर दोनों समय श्री कृष्ण जी को पहनाती थी I और घंटों कान्हा जी से बातें किया करती थी I गांव के लोग यही सोचते थे कि गुड़िया पागल है I
एक रात श्री कृष्ण जी ने अपने भक्त कृष्णाबाई से यह कहा कि कल बहुत बड़ा भूचाल आने वाला है I तुम यह गांव छोड़कर दूसरे गांव चली जाओ I अब क्या था मालिक का आदेश था कृष्णा भाई ने अपना सामान इकट्ठा करना शुरू किया I
और गांव वालों को बताया कि कल सपने में कान्हा आए थे I और कहा कि बहुत बड़ा प्रलय होगा आप पास के गांव में चली जाओ I लोग कहां उस बूढ़ी पागल की बात मानने वाले जो सुनता वही जोर-जोर से ठहाका लगाता I
इतने में कृष्णाबाई ने एक बैल गाड़ी मंगाई और अपने कान्हा की मूर्ति ली और सामान की गठरी बांध कर गाड़ी में बैठ गई I और लोग उसकी मूर्खता पर हंसते रहे कृष्णाबाई जाने लगी वो बिल्कुल अपने गांव की सीमा पार कर अगले गांव में प्रवेश करने ही वाली थी I
कि उसे कृष्ण की आवाज आई अरे पगली जा अपनी झोपड़ी में से वह सुई ले आ I जिससे तू माला बनाकर मुझे पहनाती है I यह सुनकर कृष्णाबाई बेचैन हो गई I कि मुझसे इतनी भारी भूल कैसे हो गई अब मैं कान्हा का माला कैसे बनाऊंगी I
उसने गाड़ी वाले को वहां रोका और बदहवास अपने झोपड़ी की तरफ भागी I गांव वाले उसके पागलपन को देखते और खूब हंसी मजाक उड़ाते I
कृष्णाबाई ने झोपड़ी में तिनकों में फंसी सुई को निकाला I और फिर पागलों की तरह दौड़ते हुए गाड़ी के पास आई I गाड़ी वाले ने कहा कि माई तू क्यों परेशान है I कुछ नहीं होना कृष्णाबाई ने कहा अच्छा चल अपने गांव की सीमा पार कर I
गाड़ी वाले ने ठीक ऐसा ही किया पर यह क्या जैसे ही सीमा पार हुई पूरा गांव ही धरती में समा गया सब कुछ जलमग्न हो गया गाड़ी वाला भी अटूट कृष्ण भक्त था I येन केन प्रकरेण भगवान ने उसकी भी रक्षा करने में कोई विलंब नहीं किया I
प्रभु जब अपने भक्तों की मात्र एक सुई तक की इतनी चिंता करते हैं I वह तो भक्तों की रक्षा के लिए कितना चिंतित होते होंगे I जब तक उस भक्त की एक सुई उस गांव में थी पूरा गांव बचा था I इसलिए किसी भक्त की मजाक नहीं उड़ाना चाहिए I
चाहे वह पागल हो या साधारण इंसान भगवान अपने भक्तों की हर कीमत हर संभव रक्षा करते हैं इसलिए कहा जाता है कि-
“भरी बदरिया पाप की बरसन लगे अंगार I
संत न होते जगत में जल मरता संसार” II
निष्कर्ष –
भगवान की भक्ति ऐसे ही नहीं मिलती भक्त को अपने भगवान की भक्ति पाने के लिए पागल होना पड़ता है I सांसारिक एवं भौतिक चीजों को त्यागना पड़ता है I अगर आप भौतिक संसार से संबंध रखेंगे तो आपको भक्ति नहीं मिल पाएगी I
क्योंकि भगवान की भक्ति पाने के लिए आपको सब कुछ भगवान पर छोड़ना पड़ता है ना कि संसार पर I संसार तो आपका उपयोग करेगा और बाद में छोड़ देगा I लेकिन भगवान आपको कभी नहीं छोड़ते, आप ही भगवान को छोड़ देते हैं I
जब श्री कृष्णाबाई को सारा गांव पागल कह रहा था लेकिन कृष्णाबाई पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था I कृष्णाबाई ने गांव के सभी लोगों को समझाया लेकिन देखिए समय का चक्र ! कोई भी नहीं समझ पाया उस बुढ़िया की बात को सभी लोग हंसी मजाक बना रहे थे I
लेकिन एक गाड़ी वाला ही उसकी बात को समझा ! पता है वह क्यों ? क्योंकि वह भी कृष्ण भक्त था I क्योंकि एक भक्त ही दूसरे भक्त की बात को आसानी से समझ सकता है दूसरा अन्य कोई नहीं I
सामर्थ्य अनुसार धन, ज्ञान,शिक्षा का सदुपयोग
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी