भगवान से क्या मांगा जाए : एक ज्ञानवर्धक कहानी

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भगवान से क्या मांगा जाए : एक ज्ञानवर्धक कहानी

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भगवान से क्या मांगा जाए : एक ज्ञानवर्धक कहानी

भगवान से क्या मांगा जाए : एक ज्ञानवर्धक कहानी : एक बार एक राजा अपनी प्रजा का हालचाल जानने के लिए गाँव-गाँव घूम रहा था, पुराने जमाने में राजा प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए उसके बीच जाया करते थे। घूमते-घूमते राजा के कुर्ते का बटन टूट गया, उसने अपने मंत्री से कहा, पता लगाओ इस गांव में कौन सा दर्जी है, जो मेरा बटन सिल सकता है, मंत्री ने पता किया, कि उस गांव में एक ही दर्जी था, जो कपड़े सिलने करता था।

उस दर्जी को राजा के सामने ले जाया गया। राजा ने कहा – क्या तुम मेरे कुर्ते का बटन सिल सकते हो, दर्जी ने कहा, यह कोई मुश्किल काम नहीं है, उसने मंत्री से बटन ले लिया। और उसने धागे से राजा के कुर्ते का बटन लगा दिया। क्योंकि बटन भी राजा के पास था। उन्होंने केवल अपने धागे का इस्तेमाल किया था। राजा ने दर्जी से कहा बटन लगाने क्या दूं।

दर्जी ने कहा रहने दो महाराज छोटा सा काम था आप हमारे महाराज हो, मेरे पास जो कुछ भी है वो आपका ही दिया तो है। उसने मन ही मन सोचा कि बटन तो राजा के पास था। उसने तो केवल धागा ही लगाया है। राजा ने फिर दर्जी से कहा- नहीं-नहीं बोलो क्या दूं, दर्जी ने सोचा 2 रुपये मांग लेता हूँ। नमामिशमीशान निर्वाणरूपं रूपम शिव स्तुति मन्त्र

फिर मन में सोचा कि कहीं राजा यह ने सोच लें, कि वह बटन टांगने के मुझसे 2 रुपये ले रहा है, तो गांव वालों से कितना लेता होगा, क्योंकि उन दिनों 2 रुपये की कीमत बहुत ज्यादा होती थी। दर्जी ने राजा से कहा, महाराज, आपको जो उचित लगे, दे दीजिये।

अब तो राजा को अपनी सोच के अनुसार दर्जी को कुछ हिसाब से देना था। कहीं देने में उसकी पोजीशन खराब न हो जाये उसने अपने मंत्री से कहा ”इस दर्जी को 2 गाँव दे दो, यह हमारा आदेश है”। कहाँ वो दर्जी जो सिर्फ 2 रुपये माँगने में डर रहा था, और कहाँ राजा ने उसको 2 गाँव दे दिए। क्यों हुआ था बाली और हनुमान जी के बीच युद्ध

जब हम सब कुछ अपने भगवान पर छोड़ देते हैं, चाहे दो या न दो। तो हमारा भगवान हमें अपने हिसाब से वही देता है जो हमारे लिए उचित होता है! उनके देने में कोई कमी नहीं होती, कमी तो सिर्फ हम माँगने में कर जाते हैं, देने वाला तो पता नही क्या देना चाहता हैं।

इसलिए संत-महात्मा कहते हैं, अपने आपको प्रभु के चरणों में समर्पित कर दो, फिर उनकी लीलाओं को देखो।

जिसकी लागी रे लगन भगवान में हिंदी लिरिक्स

Bhakti Gyaan

आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी  

This Post Has One Comment

  1. Bhakti Gyaan

    बहुत-बहुत धन्यवाद !

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