बिन मांगे तुमने सब दे दिया माँ हिंदी भजन लिरिक्स
बिन मांगे तुमने सब दे दिया माँ हिंदी भजन लिरिक्स
बिन मांगे तुमने,
बिन मांगे तुमने सब दे दिया,
बिन मांगे तुमने सब दे दिया,
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया,
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया ।।
बिन मांगे तुमने सब दे दिया…..।
मुझे तूने मैया बहुत कुछ दिया है हिंदी भजन
कैसे भुलाऊं माँ अहसान तेरे,
हर पल रही थी जो तुम साथ मेरे,
जब भी कदम मेरे थे डगमगाये,
हाथ तुम्हारा था हाथ में मेरे,
तुमने हमें चलना सिखला दिया।
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया ।।
बिन मांगे तुमने सब दे दिया…..।
सुबह सुबह ले शिव का नाम हिंदी भजन
भूल ही जाते हैं गम अपने सारे
इक बार आये जो द्वार तुम्हारे
आँखों से झलके माँ आंसू खुशी के
दीदार तेरा जो इक बार पाये
तुमने तो जीवन महका दिया
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया ।।
बिन मांगे तुमने सब दे दिया…..।
माँ आपकी कृपा से सब काम हो रहा है भजन
हमको तो आँचल में रखना छिपाये
दुनिया की माया हमें छू ना पाये
नन्हे से बालक है हम तो तेरे माँ
बेजार नजरों से रखना बचाये
तेरा साया पा कर माँ धन्य हो गया
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया ।।
बिन मांगे तुमने सब दे दिया…..।
तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये हिंदी लिरिक्स
तेरा शुक्र मनावां माँ मेरी,
तेरे सदके जावां माँ मेरी ।
तेरा शुक्र मनावां माँ मेरी,
तेरे सदके जावां माँ मेरी ।।
बिन मांगे तुमने, बिन मांगे तुमने
तेरा शुक्रिया माँ तेरा शुक्रिया ।।
बिन मांगे तुमने सब दे दिया…..।
दुनिया में देव हजारों है हिंदी लिरिक्स
- महादेव शंकर हैं जग से निराले हिंदी लिरिक्स
- पंच कन्याओं का रहस्य क्या है और उनके नाम क्या हैं?
- हे गोपाल कृष्ण करूं आरती तेरी हिंदी लिरिक्स
- श्रीकृष्ण का ध्यान कैसे और किन मंत्रों से करना चाहिए?
- वेद किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं।
- आध्यात्मिक जागृति और शक्ति के प्रकार क्या हैं।
कभी फुर्सत हो तो जगदंबे हिंदी भजन लिरिक्स
नोट : कृपया अपने किसी भी प्रकार के सुझाव अथवा राय हमारे साथ साझा करें। यदि आपको यह पेज अच्छा लगा हो तो कृपया इसे शेयर, लाइक या कमेंट करना न भूलें, इस पेज को भविष्य के लिए सुरक्षित/बुकमार्क करें।
![www.bhaktigyaan.com](https://i0.wp.com/bhaktigyaan.com/wp-content/uploads/2023/10/bhaktigyaan.png?resize=100%2C100&ssl=1)
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी