जरा इतना बता दे कान्हा भजन के बोल

जरा इतना बता दे कान्हा भजन के बोल

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जरा इतना बता दे कान्हा भजन के बोल

जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।

मैंने काली रात में जन्म लिया
और काली गाय का दूध पिया
मेरी कमली भी काली है इसलिए काला हूँ
मेरी कमली भी काली है इसलिए काला हूँ।

जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।

मैंने काले नाग को नाथ लिया
मैंने काले नाग पे नाच किया
नागों का रंग काला इसलिए काला हूँ
नागों का रंग काला इसलिए काला हूँ।

जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।

सखी रोज ही घर में बुलाती है
और माखन बहुत खिलाती है
संखियों का दिल काला इसलिए काला हूँ
संखियों का दिल काला इसलिए काला हूँ।

जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।

सखी नयन में कजरा लगाती है,
और पलकों पे मुझको बिठाती है
कजरे का रंग काला इसलिए काला हूँ
कजरे का रंग काला इसलिए काला हूँ।

जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।

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