जरा इतना बता दे कान्हा भजन के बोल
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।
मैंने काली रात में जन्म लिया
और काली गाय का दूध पिया
मेरी कमली भी काली है इसलिए काला हूँ
मेरी कमली भी काली है इसलिए काला हूँ।
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।
मैंने काले नाग को नाथ लिया
मैंने काले नाग पे नाच किया
नागों का रंग काला इसलिए काला हूँ
नागों का रंग काला इसलिए काला हूँ।
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।
सखी रोज ही घर में बुलाती है
और माखन बहुत खिलाती है
संखियों का दिल काला इसलिए काला हूँ
संखियों का दिल काला इसलिए काला हूँ।
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।
सखी नयन में कजरा लगाती है,
और पलकों पे मुझको बिठाती है
कजरे का रंग काला इसलिए काला हूँ
कजरे का रंग काला इसलिए काला हूँ।
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में हिंदी लिरिक्स
श्री दामोदराष्टकं स्तोत्र हिन्दी में
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी
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