कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन हिंदी भजन लिरिक्स

कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन हिंदी भजन लिरिक्स

You are currently viewing कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन हिंदी भजन लिरिक्स

कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन हिंदी भजन लिरिक्स

ओ मोटे मोटे नैनन के तू, और मीठे मीठे बैनन के तू।
मोटे मोटे नैनन के तू, और मीठे मीठे बैनन के तू।
सांवरी सूरत के तू और प्यारी प्यारी मोहनी मूरत के तू


कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
ओ कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए,
बांके बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.


काजल की कोरे ओए होए ओए
मेरा जिगर भरोरे ओए ओए ओए
नस नस में घोरे ओए ओए ओए
बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.
बांके बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.


तेरी रीत है टेढ़ी ओये होए होए
तेरी प्रीत है टेढ़ी ओये होए होए
तेरी जीत है टेढ़ीओये होए होए
मैं तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.
बांके बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.


तेरे मुकुट की लटकन ओये होए होए
तेरे आधर की मुस्कन ओये होए होए
गिरवाह की मटकन ओये होए होए
बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.
बांके बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.


तेरी नज़र से घायल आए हाय हाय
आंखों का काजल आए हाय हाय
तेरे प्यार में पागल उफ़
कर डारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए.
ओ बांके बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाए ओये होए होए

नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए ओये होए होए
नजर ना लग जाए


तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले मैं जहां भी रहूं बरसाना मिले

Bhakti Gyaan

आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी