कौन हूँ मैं किसका हूँ गोविंद राधे लिरिक्स

कौन हूँ मैं किसका हूँ गोविंद राधे लिरिक्स

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कौन हूँ मैं किसका हूँ गोविंद राधे लिरिक्स-

कौन हूँ मैं किसका हूँ गोविंद राधे,
कौन मेरा तीनों बातें कोई बता दे।

दास हूँ मैं स्वामी का गोविंद राधे,
स्वामी मेरे हरि प्रश्नकर्ता को बता दे।


मेरा साध्य क्या है अरु गोविंद राधे,
साधन क्या है कोई याय समझा दे।

तेरा साध्य हरि सेवा गोविंद राधे,
साधन श्रीकृष्ण भक्ति बता दे।


हरि भक्ति भी हो अरु गोविंद राधे,
निष्कामता भी हो तो साध्य दिला दे।

हरि सर्वव्यापक गोविंद राधे,
यह मानना ही तेरा साध्य दिला दे।


हरि तेरे उर रह गोविंद राधे,
यह मानना ही तोहिं हरि ते मिला दे।

हरि में निवास तेरा गोविंद राधे,
यह मानना ही तोहिं लक्ष्य दिला दे।।

(राधा गोविंद गीत का अंश)
जगद्गुरू श्री कृपालु जी महाराज

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मेरी आस यही श्री राधे तेरे महलन में मेरा वास रहे भजन-

mere aas yahi shri radhe bhajan lyrics

मेरी आस यही श्री राधे तेरे महलन में मेरा वास रहे भजन लिरिक्स

मेरी आस यही श्री राधे, तेरे महलन में मेरा वास रहे,
श्री चरण कमल में रह पाऊं, हरदम सेवा की प्यास रहे


मेरी जीव्हा पे तेरा नाम रहे, तेरी सेवा ही मेरा काम रहे,
मुझे और किसी की चाह नाही, हरदम सेवा की प्यास रहे।


मै दासी बनूँ किशोरी तेरी, चरणों में लगन रहे ये ही,
दे देना जगह अपने चरणों में, यह आपकी सेवा मेरे पास रहे।


तुम कर दो कृपा अब श्री राधा, कट जाएगी मेरी सब व्याधा,
सब ओर से मन को हटा लुंगी, तेरे चरणों में मेरा वास रहे।


मेरी आस यही श्री राधे, तेरे महलन में मेरा वास रहे,
श्री चरण कमल में रह पाऊं, हरदम सेवा की प्यास रहे।

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कीजौ राधा नाम आधार भजन –

keejau raadha naam aadhaar bhajan lyrics

कीजौ राधा नाम आधार भजन लिरिक्स

सबन सुखन को सार नाम ये देवै प्रेम अपार,
चरणन की रज दीजौ श्यामा चरणन सेवा पाऊँ,
मन मयूर मस्त हो जावै जब राधा राधा गाऊँ,
चरण चापते जीवन बीते तेरी सेवा ही सुखसार,
कीजौ राधा नाम आधार।


तेरी सेवा मिले किशोरी यही मेरा हो जीवन,
नाम तेरो साँचो धन राधे नाम बिना मै निर्धन,
नाम तेरे का व्यसन मोहे लागे नाम रटू बारम्बार,
कीजौ राधा नाम आधार।


जैसे चाहो मोहे बना लो स्वामिनी जीवन तेरे अर्पण,
श्यामा श्याम की छब ही निरखुँ नैन बने मेरो दर्पण,
अपनी दासी कीजौ किशोरी यही बिनती तव चरणार,
कीजौ राधा नाम आधार।


पत्थर की राधा प्यारी पत्थर के कृष्ण मुरारी लिरिक्स

Bhakti Gyaan

आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी