मुश्किल है सहन करना हिंदी भजन लिरिक्स

मुश्किल है सहन करना हिंदी भजन लिरिक्स

You are currently viewing मुश्किल है सहन करना हिंदी भजन लिरिक्स

मुश्किल है सहन करना हिंदी भजन लिरिक्स

मुश्किल है सहन करना यह दर्द जुदाई का,
मुझे इतना बता प्यारे कारण रुसवाई का।
मुश्किल है सहन करना यह दर्द जुदाई का,
मुझे इतना बता प्यारे कारण रुसवाई का।


झूठे तेरे वादों पे इतबार किया हमने,
तेरी कृपा को सुन कर ही, अरे प्यार किया हमने।
कन्हैया…, कृपा की जो होती ना आदत तुम्हारी,
तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी।
ना हम होते मुल्जिम, ना तुम होते हाकिम,
ना घर घर में होती इबादत तुम्हारी।

गरीबों की दुनिया है आबाद तुमसे,
गरीबों से है बादशाहत तुम्हारी।
तुम्हारीं ही उलफत के दृग बिन्दु है ये,
तुम्हे सौंपते हैं अमानत तुम्हारी।
झूठे तेरे वादो पे एतबार किया हमने,
तेरी कृपा को सुन कर ही, अरे प्यार किया हमने।
तुझे प्यार किया हमने….

क्या यही सिला मिलता इस प्रीत लगाई का,
क्या यही सिला मिलता इस प्रीत लगाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे कारण रुसवाई का।


गर नजर में अवगुण थे तो क्यों अपनाया था,
ये प्रीत न निभ सकती पहले ना बताया था।
ऐ कन्हैयाँ… ,सब कुछ ले के परीक्षा है लेते, अब कौन सी राह चले सन्सारी,
अरे ऐसा मोहक जाल बिछाये, भैया थक कर रह गई बुद्धि बिचारी।
ऐसा मोहक जाल बिछाये, भैया थक कर रह गई बुद्धि बिचारी,
सोच समझ कर सौदा किजै, प्यारे, सोच समझ कर सौदा किजै।
ये नंद का लाल बड़ा व्यापारी…

गर नजर में अवगुण थे तो क्यों अपनाया था,
ये प्रीत न निभ सकती पहले ना बताया था।
मौका तो दिया होता, मेरे मीत सफाई का,
मौका तो दिया होता, मेरे मीत सफाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे,कारण रुसवाई का।


तुम सा कोई मिल जाता,तो ढूंढ लिए होते,
क्यों प्यार तुम्हें करते, क्यों तेरे लिए रोते।
तजते घर बार व्यथा हम क्यों, गर मोहन तेरा इशारा ना होता,
रहते हम भी भवसागर में, गर पहले किसी को उबारा ना होता।
इस प्रेम के पंथ में हाय प्रभु, सर देकर भी छुटकारा ना होता,
हम रोते ही क्यों बिलखा करके, गर तू मन प्राण हमारा ना होता।
तुझसे में क्या कहू, तेरे सामने मेरा हाल है,
तेरी इक नजर की बात है, मेरा जिंदगी का सवाल है।

मुख मोड़ के क्यों बैठे, क्या मान खुदाई का,
मुख मोड़ के क्यों बैठे, क्या मान खुदाई का।
मुझे कुछ तो बता प्यारे, कारण रुसवाई का,
मुश्किल है सहन करना, ये दर्द जुदाई का।
मुश्किल है सहन करना,ये दर्द जुदाई का,
मुझे कुछ तो बता प्यारे, कारण रुसवाई का।


धारा तो बह रही है श्री राधा नाम की हिंदी भजन

Bhakti Gyaan

आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी