नाग पंचमी 2022 जाने क्या है पूजा व व्रत विधि
नाग पंचमी 2022 जाने क्या है पूजा व व्रत विधि – ऐसा माना जाता है कि शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी है I भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की सैया पर सोते हैं I शिवजी के गले में सर्पों का हार है I श्री कृष्ण जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना पार की थी जंहा तक की समुद्र-मंथन के समय देवताओं की मदद भी वासुकी नाग ने की थी I
NAME OF FESTIVAL | DAY | DATE OF FESTIVAL |
NAAG PANCHMI POOJA | TUESDAY | 02 AUGUST 2022 |
प्रथम मान्यता के अनुसार –
किसी राज्य में एक किसान परिवार रहता था I किसान के दो पुत्र व एक पुत्री थी एक दिन हल जोतते समय हल से नाग के तीन बच्चे कुचल कर मर गए नागिन पहले तो विलाप करती रही I फिर उसने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प लिया I रात्रि को अंधकार में नागिन ने किसान उसकी पत्नी व दोनों लड़कों को डस लिया I
अगले दिन प्रातः किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से नागिन फिर चली I तो किसान कन्या ने उसके सामने दूध का भरा कटोरा रख दिया I और हाथ जोड़ क्षमा मांगने लगी I नागिन ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाइयों को जीवित कर दिया I उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी, तब से आज तक नागों की कोप से बचने के लिए इस दिन नागों की पूजा की जाती है I
द्वितीय मान्यता के अनुसार –
एक राजा के सात पुत्र थे, उन सब के विवाह हो चुके थे I उनमें से छः पुत्रों के संतान भी हो चुकी थी I सबसे छोटे पुत्र के अब तक कोई संतान नहीं हुई I उसकी बहू को जिठानियाँ बाँझ कहकर बहुत ताने देती थीं I एक तो संतान ना होने का दुख और ऊपर से सास, ननंद, जेठानी आदि के ताने उसको और भी दुखी करने लगे I
इससे व्याकुल होकर वह बेचारी रोने लगती उसका पति समझाता की संतान होना या ना होना तो भाग्य के अधीन है फिर तू क्यों दुखी होती है?वह कहती ! सुनते हो, सब लोग बाँझ कहकर मेरी नाक में दम किए हैं I
पति बोला-दुनिया बकती है बकने दे I मैं तो कुछ नहीं कहता ! तू मेरी ओर ध्यान दे, और दुख को छोड़कर प्रसन्न रह I पति की बात सुनकर उसे कुछ सांत्वना मिलती I परंतु जब कोई ताने देता तो रोने लगती थी I यह भी पढ़े – सामर्थ्य अनुसार धन, ज्ञान,शिक्षा का सदुपयोग
इस प्रकार एक दिन नागपंचमी आ गई चौथ की रात को उसे स्वप्न में 5 नाग दिखाई दिए I उनमें से एक ने कहा अरी पुत्री ! कल नाग पंचमी है I तू अगर हमारा पूजन करे, तो तुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति हो सकती है I
यह सुनकर वह उठ बैठी, और पति को जगाकर सपने का हाल सुनाया I पति ने कहा यह कौन सी बड़ी बात है I 5 नाग अगर दिखाई दिए हैं तो पांचों की आकृति बनाकर उनका पूजन कर देना I नाग लोग ठण्डा भोजन ग्रहण करते हैं इसीलिए उन्हें कच्चे दूध से प्रसन्न करना I दूसरे दिन उसने ठीक वैसा ही किया, नागों के पूजन से उसे 9 मास के बाद सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई I
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देवता की विशेष पूजा –
प्रत्येक मास में आने वाली पंचमी के देव नाग देवता ही होते हैं I लेकिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देवता की पूजा विशेष रूप से की जाती है I नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा के धार्मिक और सामाजिक व ज्योतिषीय कारण होते हैं I
ज्योतिषशास्त्र में कुंडली में योगों के साथ दोषों को देखा जाता है I कुंडली के दोषों में कालसर्प दोष को मुख्य माना जाता है I इसलिए दोष से मुक्ति के लिए नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा की जाती है I जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु अच्छी स्थिति में नहीं है, उसके निवारण के लिए नाग पंचमी के दिन नाग देव की बामी (बांबी) की पूजा की जाती है इस दौरान नाग देवता को सुगंध, दूध,धूप, चंदन अर्पित कर पूजा की जाती है I
नाग पंचमी पूजा विधि –
नाग पंचमी पूजा के आठ नागदेव माने गए हैं – अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक कुलीर, कर्कट और शंख I पूजा करने के लिए नाग की फोटो या मिट्टी की मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर रखकर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें I
इसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर सर्प देवता को अर्पित करें I फिर उनकी आरती उतारें I इस दिन असली नाग की पूजा करने का भी प्रचलन है I पूजा के अंत में नाग पंचमी की कथा भी सुनी जाती है I नाग पंचमी के व्रत करने के लिए चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें I तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को व्रत खोलें I
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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी