पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन लिरिक्स
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो भजन लिरिक्स
श्री राम जय राम श्री राम जय राम श्री राम जय राम
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु
वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु
किरपा कर अपनायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
जनम जनम की पूंजी पाई
जनम जनम की पूंजी पाई
जग में सभी के खोवायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
खर्च न खूटई, चोर न लूटई
खर्च न खूटई, चोर न लूटई
दिन दिन बढ़त सवायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
सत की नाव के खेवटिया सतगुरु
सत की नाव के खेवटिया सतगुरु
भव सागर तर आयो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
हरष हरष जस गायो।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।।
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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी