रक्षा बंधन 2022 और राखी का शुभ मुहूर्त कब है
रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त और मंत्र :
पूर्णिमा प्रारंभ तिथि – 11 अगस्त 2022, 10:37 बजे से
पूर्णिमा समापन तिथि – 12 अगस्त 2022, 07:04 तक
रक्षाबंधन की समय अवधि – सुबह 08:51 मि0 – शाम 9:17 मि0 तक
राखी बांधने के लिए मंत्र –
येन बद्धो बलिः राजा दानवेंद्रो महाबल।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
उपरोक्त मंत्र का अर्थ:
बहन रक्षा सूत्र बांधते समय कहती है। जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था। उसी सूत्र में से मैं आपको बांधती हूं। रक्षा सूत्र (राखी) तुम अडिग रहना ! अपने वचन संकल्प से कभी विचलित नहीं होना। इसी कामना के साथ बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 :
रक्षाबंधन इस वर्ष 11 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को है। रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इसमें बहन भाई को तिलक लगाकर उसके हाथ में (रक्षा सूत्र) राखी बांधकर उसकी दीर्घायु की कामना करती है। और भाई भी जीवन भर साथ निभाने का वादा करता है।
भाई उसे स्नेह पूर्वक एक उपहार भी देता है। रक्षाबंधन मनाने की परंपरा प्राचीन काल से भारत में चली आ रही है। इस पर्व को हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाने से इसे राखी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन का इंतजार हर भाई बहन का को होता है। भाई-बहन के प्रेम और नोकझोंक और तोहफ़े व मिठाई की प्री प्लानिग काफी दिन पहले शुरू हो जाती है।
रक्षाबंधन वाले दिन घर में अनेक प्रकार की मिठाइयां और पकवान बनाए जाते हैं। भारत में ज्यादातर राज्यों में राखी (रक्षा सूत्र) बांधने में घेवर (मिठाई) का प्रयोग किया जाता है।
रक्षाबंधन की थाली सजाने में उपयोग होने वाली वस्तुएं:
रेशमी वस्त्र में केसर, सरसों, मिठाई, चंदन, चावल, दूर्वा, भगवान की प्रतिमा , राखी
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उपरोक्त सब वस्तुए रखकर पहले भगवान की पूजा करनी चाहिए। और रक्षा सूत्र (राखी) को भगवान की प्रतिमा या मूर्ति शिवलिंग को अर्पित करना चाहिए। फिर महामृत्युंजय मंत्र की माला (108 बार) जप करना चाहिए।
इसके बाद देवादिदेव महादेव शिव शंकर को अर्पित किया रक्षा सूत्र भाइयों की कलाई पर बांधें। भगवान शिव की कृपा और महामृत्युंजय मंत्र एवं श्रावण सोमवार के प्रभाव से सब शुभ होगा।
कन्हैया ले चल परली पार हिंदी लिरिक्स
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इक दिन वो भोले भंडारी बन कर ब्रज लिरिक्स
![www.bhaktigyaan.com](https://i0.wp.com/bhaktigyaan.com/wp-content/uploads/2023/10/bhaktigyaan.png?resize=100%2C100&ssl=1)
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी