श्री राम और श्री कृष्ण की युद्ध नीति में क्या अंतर था

श्री राम और श्री कृष्ण की युद्ध नीति में क्या अंतर था

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श्री राम और श्री कृष्ण की युद्ध नीति में क्या अंतर था

भगवान राम की युद्ध नीति और श्री कृष्ण की युद्ध नीति में बहुत अंतर था। परंतु एक ही समनता थी कि दोनों को ही युद्ध में हनुमान जी का साथ मिला था। त्रेतायुग में प्रभु श्री राम और द्वापर युग के प्रभु श्री कृष्ण की युद्ध नीति में क्या-क्या अंतर थे और क्यों थे ?

आइए जानते हैं इस संबंध के बारे में संक्षिप्त जानकारी:

  • श्री राम ने अपने सम्मान की लड़ाई लड़ी, जबकि श्री कृष्ण की लड़ाई अपने लिए नहीं बल्कि धर्म रक्षार्थ के लिए लड़ाई लड़ी थी। हालांकि लड़ाई तो दोनों ने धर्म की स्थापना के लिए यह लड़ी थी क्योंकि रावण ने भी तो अधर्म ही किया था।
  • भगवान श्री राम ने रावण को मारने के लिए कई तरह की कठिनाइयों का सामना किया। सेना के गठन और समुंदर बनाने से लेकर पार करने तक और महा शक्तिशाली रावण का वध करने तक कई घटनाक्रमों का सामना करना पड़ा।
  • भगवान श्री राम को रावण की मायावी शक्तियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन भगवान कृष्ण को छल करने वालों के साथ छल का ही सहारा लेना पड़ा। क्योंकि कौरवों की बात का कोई भरोसा नहीं था। Please Read :श्री कृष्ण शरणम ममः
  • महाभारत के युद्ध में क्रूरता और छल ने हद ही पार कर दी थी। परंतु राम और रावण के युद्ध में ऐसा कुछ नहीं हुआ क्योंकि राम के युग का रावण युद्ध के नियम को जानता था और नैतिक था। वह मायावी था परंतु दुर्योधन या कौरवों की तरह अत्याचारी, छली एवं क्रूर नहीं था। इसलिए रावण और उसकी सेना के साथ श्री राम को छल, क्रूरता का प्रयोग नहीं करना पड़ा था।
  • श्री राम ने युद्ध के सभी नियमों का पालन किया परंतु श्रीकृष्ण को मजबूर होकर युद्ध के नियमों के विरुद्ध जाना पड़ा था।
  • भगवान राम का जीवन मर्यादाओं को कभी तोड़ता नहीं है। जबकि कृष्ण समय आने पर इसका अनुसरण नहीं करते हैं। उनके लिए युद्ध में सब कुछ जायज है। श्री कृष्ण अपने लक्ष्य को साम, दाम, दंड और भेद सभी तरह से हासिल करने का प्रयास करते हैं। लेकिन राम तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उन्होंने कभी भी अनीति का सहारा नहीं लिया। Please Read :भगवान अपने भक्तों की रक्षा कैसे करते हैं I
  • श्री राम ने युद्ध में रावण का वध किया तो दशहरा मनाया जाता है। परंतु श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में किसी का भी वध नहीं किया था।
  • महाभारत का युद्ध राम की नीति से नहीं जीता जा सकता। और कृष्ण की नीति से रावण से लड़ा नहीं जा सकता अन्यथा लोग उन्हें खलनायक घोषित कर सकते थे।
  • श्री राम के काल और श्री कृष्ण के काल के बीच लगभग हजारों सालों का अंतर है। ऐसा उस काल में युद्ध करने का तरीका भी भिन्न था। और महाभारत काल में जब लोग ज्यादा अनैतिक और क्रूर हो गए थे। तो श्री राम जी को ही कृष्ण बनना पड़ा था।

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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी