वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है हिंदी लिरिक्स

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है हिंदी लिरिक्स

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वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है,
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll

जिसकी रेहमत से होता हर इक काम है, (2)
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll


हर चाहत पूरी कर दी दिल की आवाज को सुन कर,(2)
फूलों की सेज सजा दी राहो से कांटे चुन कर l
ये किसकी कृपा से हर सुख हर आराम है, (2)
मेरा श्याम है मेरा श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll


मुझे याद है बीते दिन वो, जब खुशिया थी ओजल सी, (2)
हर दिन था दुःख से मिलना हर घड़ियाँ थी मुश्किल सी l (2)
फिर किसने आकर उनको दिया विराम है, (2)
मेरा श्याम है मेरा श्याम है ll
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll


कंकड़ को मोती कर दे , पत्थर में फूल खिलाये, (2)
इस जग में एक ही है जो मिट्टी में नाव चलाये l
वो कौन है जो गिरते को लेता थाम है, (2)
मेरा श्याम है मेरा श्याम है ll
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll


हम ने तो वो भी पाया , जो न था हमारे हक़ में (2)
सोनू का नाम लिखा है तुमने ही आज फलक पे l (2)
ये किसी बदौलत चेहरे पे मुश्कान है, (2)
मेरा श्याम है मेरा श्याम है ll
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll


जिसकी रेहमत से होता हर इक काम है, (2)
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है l
वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है l कोई और नहीं वो खाटू वाला श्याम है ll

वो कौन है जिसने हम को दी पहचान है हिंदी लिरिक्स

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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी