झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है?
झाड़ू को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है? झाड़ू को लक्ष्मी इसलिए कहते हैं क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी जी का वरदान मिला हुआ है। झाड़ू का स्थान हमारे घर में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। वह हमारे घर में बहुत महत्व रखती है उसी के बारे में, मैं कुछ बातें बताने जा रहा हूं।
अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर किसी काम से जा रहा होता है ,तो उसके बाद में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। झाड़ू को छुपा कर रखना चाहिए। इधर उधर कहीं नहीं रखनी चाहिए, और साथ ही किसी भी बाहर वाले व्यक्ति को आने पर झाड़ू नहीं देखनी चाहिए।
झाड़ू को कभी भी पैर नहीं लगाने चाहिए, और सबको सीधा खड़ा नहीं रखना चाहिए , झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है अगर गलती से कभी पैर लग भी जाए तो उसको प्रणाम करना चाहिए। भक्त क्यों करते हैं गोवर्धन की परिक्रमा, जानिए महत्व और परिक्रमा मार्ग के दार्शनिक स्थान
झाड़ू का हमें आदर-सम्मान करना चाहिए, ज्यादा पुरानी और टूटी-फूटी झाड़ू का इस्तेमाल घर में नहीं करना चाहिए, इससे घर में रोजगार धंधे में वृद्धि नहीं होती है।
नयी झाड़ू का इस्तेमाल हमें शनिवार को ही करना चाहिए, और उसे छुपा कर रखनी भी चाहिए। घर के मुख्य द्वार एवं छत पर भी नहीं रखनी चाहिए। हमें अपनी सन्तानों के नाम भगवान के नाम पर रखना चाहिए। क्यों ?
झाड़ू को कभी किचन में भी नहीं रखना चाहिए घर में दरिद्रता आती है, झाड़ू को कभी भी बेडरूम में नहीं रखना चाहिए इससे पति एवं पत्नी के बीच में झगड़े होने की संभावना रहती है ।
सूर्यास्त के बाद कभी भी झाड़ू और पोछा नहीं करना चाहिए, झाडू पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए क्योंकि झाड़ू में लक्ष्मी जी मां का वास होता है वह मां लक्ष्मी को अत्यधिक प्रिय है और उनके एक हाथ में झाड़ू रहती है।
झाड़ू को कभी भी गीला नहीं रखनी चाहिए, एवम झाड़ू से कभी किसी व्यक्ति व जानवर को नहीं मारना चाहिए, नए घर में अगर प्रवेश कर रहे हैं तो नयी झाड़ू जरूर खरीदनी चाहिए। कौन सा मंत्र जपूँ मैं भगवन हिंदी लिरिक्स
झाड़ू से झुठन कभी भी साफ नहीं करनी चाहिए, ना ही झाड़ू को कभी उलगना चाहिए, अमावस्या या शनिवार को पुरानी झाड़ू टूटी-फूटी झाड़ू को घर से बाहर फेंकना चाहिए।
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आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। : ब्रज महाराज दिलीप तिवारी जी