रामायण ग्रंथ में क्या लिखा है? और ये कब और किसने लिखा?

रामायण ग्रंथ में क्या लिखा है? और ये कब और किसने लिखा?

रामायण ग्रंथ में क्या लिखा है? और ये कब और किसने लिखा? : रामायण एक प्राचीन भारतीय महाकाव्य है, जिसमें भगवान राम और देवी सीता के जन्म, उनकी यात्रा और त्रेतायुग के रिश्तों के कर्तव्यों का विविध वर्णन किया गया है। इसमें कुल 24,000 श्लोक और 500 उपखंड हैं, जो 7 काण्डों में बाँटे गए हैं। रामायण में सात काण्ड हैं – बालकाण्ड, अयोध्यकाण्ड, अरण्यकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, लङ्काकाण्ड और उत्तरकाण्ड।

रामायण ने एक आदर्श परिवार और समाज की रचना का उदाहरण प्रस्तुत किया है, जहां आदर्श पिता, पुत्र, पत्नी, भाई, मित्र, सेवक, और राजा का चित्रण किया गया है। इसमें भगवान राम के साथ हनुमान, लक्ष्मण, सीता, सुग्रीव, अंगद, मेघनाद, विभीषण, कुम्भकर्ण, और रावण का भी विस्तृत वर्णन है। जिसकी लागी रे लगन भगवान में हिंदी लिरिक्स

रामायण में वाल्मीकि ने संस्कृत में रचना की थी, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, यह भगवान राम के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ माना गया है। संत तुलसीदास ने इसे हिंदी में “रामचरितमानस” के रूप में रचा।

रामायण ग्रंथ की रचना कब और किसने की?

रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी और इसे भगवान राम के शासन काल में ही लिखा गया था। वाल्मीकि रामायण को संस्कृत में रचा गया था और इसकी रचना का समय लगभग तीन हज़ार वर्ष पहले माना जाता है। उन्हें “आदि कवि” भी कहा जाता है, जोकि उनके कविताओं के प्रथम सृष्टिकर्ता के रूप में है। दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं हिंदी लिरिक्स

शास्त्रों के अनुसार, पहली राम कथा को हनुमान जी ने लिखा था, जिसे हनुमद रामायण कहा जाता है। हनुमान जी ने अपने नाखूनों से एक चट्टान पर राम कथा लिखी थी।

तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना सोलहवीं शताब्दी के अंत में की थी और यह अवधि बोली में लिखी गई थी। उनका यह ग्रंथ हिंदी भाषा में रामायण की कथा को सुन्दरता से बयान करता है।

रामायण में कितने दोहे और कौन-कौन से कांड है।

रामायण में 1074 दोहे हैं, जिनमें समृद्धि और भक्ति का अद्भुत संगम है। इस महाकाव्य में सात कांड हैं – बालकाण्ड, अयोध्यकाण्ड, अरण्यकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, लङ्काकाण्ड और उत्तरकाण्ड, जो भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।

रामचरितमानस को गोस्वामी तुलसीदास ने रचा था, जिसमें भक्ति, नैतिकता, और धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का अद्वितीय विवेचन है। यह अवधी भाषा में रचा गया है और इसमें 9388 चौपाइयां, 1172 दोहे, 87 सोरठे, 47 श्लोक और 208 छंद हैं, जो एक अद्भुत भाषाशैली का प्रतीक हैं।

रामचरितमानस में 1172 दोहे हैं, जिनमें सुंदर रूप से बयान होता है कि बालकाण्ड में 359, अयोध्याकाण्ड में 314, अरण्यकाण्ड में 51, किष्किन्धाकाण्ड में 31, सुन्दरकाण्ड में 62, युद्धकाण्ड में 148 और उत्तरकाण्ड में 207 दोहे हैं। इसमें विभिन्न कांडों के माध्यम से भगवान राम के चरित्र, गुण, और उनके द्वारा सिद्ध की गई धर्मपरायणता का अद्वितीय परिचय होता है।

रामचरितमानस को आकार में छोटा होने के बावजूद महाकाव्य का दर्जा हासिल है, क्योंकि इसमें अत्यन्त सूक्ष्म और गहरे तत्त्वों का सुंदर विवेचन किया गया है। रामचरितमानस में कुल 12,800 पंक्तियाँ हैं, जो 1,073 दोहों और सात कांडों में विभाजित हैं।

रामायण से जुड़े कुछ प्रश्न :

प्रश्न : क्या रामायण सच्ची घटना है या काल्पनिक?

उत्तर : रामायण को किसी मैथोलॉजी नहीं माना जा सकता है। यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित सत्य इतिहास है, जिसके सभी विज्ञानिक प्रमाण आज उपलब्ध हैं। तेरी मंद मंद मुस्कनिया भजन हिंदी लिरिक्स

प्रश्न : रामायण कब लिखी गई थी?

उत्तर : कुछ विद्वानों के अनुसार, रामायण की रचना 31वीं सदी ईसा पूर्व में हुई थी, जबकि अन्य शोधकर्ताएं इसे 1400 ईसा पूर्व का रचनाकाल मानती हैं। कुछ विद्वान तीसरी शताब्दी ईसा तक की रचना का समय मानते हैं, जबकि कुछ भारतीय स्कौलर्स इसे 600 ईसा पूर्व से पहले लिखा गया बता रहे हैं।

रामायण का सबसे पहला बीज दशरथ जातक कथा में मिलता है, जिसे संभवतः 400 साल पहले रचा गया था। उसके बाद, ईसा से 300 साल पूर्व के काल में वाल्मीकि रामायण का समय आता है। इसलिए, वाल्मीकि रामायण को सबसे प्राचीन और प्रमाणिक माना जाता है क्योंकि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन थे और सीता ने उनके आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था।

वाल्मीकि रामायण को तीन हज़ार साल पहले संस्कृत में रचा गया था और उन्हें “आदि कवि” भी कहा जाता है। रामायण का समय त्रेतायुग का माना जाता है, और इसे महर्षि वाल्मीकि ने वैदिक युग में लिखा था। मध्यकाल में, कवि तुलसीदास ने “रामचरितमानस” की रचना की थी।

प्रश्न : रामायण का पुराना नाम क्या है?

उत्तर : महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का पुराना नाम ‘वाल्मीकीय रामायण’ है। इसे संस्कृत में ‘आर्ष रामायण’ भी कहा जाता है। वाल्मीकि रामायण को सुप्रीम कोर्ट के अनुसार भगवान राम के जीवन और उनकी लीलाओं पर सबसे पुराना ग्रंथ माना जाता है, और इसका रचनाकाल ईसा से 300 से 200 साल पहले का है। शबरी मगन है राम भजन में हिंदी भजन लिरिक्स

रामायण का विश्लेषित रूप ‘राम का अयन’ है, जिसका अर्थ है ‘राम का यात्रा पथ’। इसे आदिकाव्य भी कहा जाता है और इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ भी कहा जाता है। साहित्यिक शोध के क्षेत्र में, भगवान राम के बारे में आधिकारिक रूप से जानने का मूल स्रोत महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण है।

प्रश्न : रामायण की असली कहानी क्या है?

उत्तर : हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम विष्णु के मानव अवतार माने जाते हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य मृत्युलोक में इंसानों को आदर्श जीवन का मार्गदर्शन करना था। रामायण की कहानी के अनुसार, भगवान राम, सीता, और लक्ष्मण 14 सालों के वनवास के लिए गए थे।

इस अवधि के दौरान, उन्होंने राक्षस राजा रावण को परास्त करके धर्म की पुनर्स्थापना की। रामायण की एकमात्र और प्रमुख रचना, वाल्मीकि रामायण, को सबसे प्रमाणिक माना जाता है। इसलिए कि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन थे और सीता ने उनके आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था।


हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता भजन लिरिक्स