महाभारत में कितनी सेना ने भाग लिया?

महाभारत में कितनी सेना ने भाग लिया?


महाभारत में कितनी सेना ने भाग लिया?

महाभारत में कौरव-पांडव दोनों सेनाओं की संख्या 18 अक्षौहिणी थी।

अक्षौहिणी– एक रथ, एक हाथी, पाँच पैदल सैनिक और तीन घोड़े। इन्हीं को सेना के मर्मज्ञ विद्वानों ने “पत्ति” कहा है। इसी पत्ति की तिगुनी संख्या को विद्वान पुरुष “सेना मुख” कहते हैं। तीन सेना मुखों को एक “गुल्म” कहा जाता है। तीन गुल्म का एक “गण” होता है। तीन गण की एक “वाहिनी” होती है। जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है भजन लिरिक्स।

और तीन वाहिनियों को सेना का रहस्य जानने वाले विद्वानों ने “पृतना” कहा है। और तीन पृतना की एक “चमू“, तीन चमू की एक “अनीकिनी” और दस अनीकिनी की एक ‘अक्षौहिणी‘ होती है। यह विद्वानों का कथन है। आसरा इस जहां का मिले ना मिले भजन हिंदी लिरिक्स

18 अक्षौहिणी सेना, पांडवों की ओर से 7 अक्षौहिणी सेना और कौरव की ओर से 11 अक्षौहिणी सेना (1 अक्षौहिणी = 21,870 रथ + 21,870 हाथी + 65,610 घोड़े + 109,350 पैदल सैनिक) थे।

गणित के तत्वज्ञ विद्वानों ने एक अक्षौहिणी सेना में रथों की संख्या 21870 बताई है। हाथियों की संख्या भी इतनी ही बताई गई है। एक अक्षौहिणी में पैदल मनुष्यों की संख्या 109350 जानी चाहिए। एक अक्षौहिणी सेना में घोड़े की ठीक-ठाक संख्या 65610 कही गई है। संख्या का तत्व जानने वाले विद्वानों ने इसी को अक्षौहिणी कहा है। जिसे मैंने आप लोगों को विस्तार पूर्वक बताया है। यदि नाथ का नाम दयानिधि है हिंदी लिरिक्स

इसी गणना के अनुसार कौरव-पांडव दोनों सेनाओं की संख्या 18 अक्षौहिणी थी। जिसमें पांडवों के पक्ष में 7 अक्षौहिणी सेना थी।अद्भुत कर्म करने वाले काल की प्रेरणा से समन्त पंचक क्षेत्र में कौरवों को निमित बनाकर इतनी सेनाएँ इकट्ठी हुई और वहीं नाश को प्राप्त हो गईं। दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं लिरिक्स


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