श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन एवं यात्रा की पूरी जानकारी

श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन एवं यात्रा की पूरी जानकारी : राजस्थान के सुप्रसिद्द तीर्थ-स्थल श्री खाटू श्याम मंदिर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ! श्री खाटू श्याम जी का इतिहास क्या है ?, श्री खाटू श्याम की पूजा बिधि ?, श्री खाटू श्याम जी जाने का रास्ता ?, श्री खाटू श्याम कब, कैसे जाये और कहाँ रुकें?, और श्री खाटू श्याम में घूमने लायक जगह कौन सी है।

राजस्थान के प्रसिद्ध इस मंदिर की खास बात यह है कि श्री खाटू श्याम मंदिर में भगवान् श्री कृष्ण के साथ भीम के पोते बर्बरीक की पूजा की जाती है इसीलिए इसे बर्बरीक मंदिर भी कहा जाता है।

फागुन मास में एकादशी के दिन से अगले 5 दिनों तक खाटू श्याम में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में दूर दूर से भारी मात्रा में श्रद्धालु अपनी मनवांछिंत इच्छा की पूर्ती के लिए खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए आते है।

श्री खाटू श्याम दर्शन के लिए अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पहले से ही करा सकते हैं। भीड़ ज्यादा होने के कारण दर्शन से वांछित भी रह सकते है। और बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के भी जा सकते हैं। यह भी पढ़ें: एक तू जो मिला सारी दुनिया मिली भजन लिरिक्स

आइये जानते है कि आखिर भीम के पोते बर्बरीक का नाम खाटू श्याम कैसे पड़ा ? और ऐसा क्यों है की बरसाने बाली श्री राधा रानी की जगह श्याम के साथ बर्बरीक को पूजा जाता है। इसके पौराणिक इतिहास की तरफ एक नजर डालते है।

श्री खाटू श्याम बाबा का इतिहास :

श्री खाटू श्याम जी का इतिहास महाभारत काल में कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवो और कौरवो के बीच भीम के पोते बर्बरीक का नाम आपने सुना होगा। भीम के पोते बर्बरीक की तप, साधना और शिक्षा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने बर्बरीक को तीन ऐसे बाण दिए जो लक्ष्य को भेद कर वापस लौटा सकता था।

इसी कारण बर्बरीक बहुत शक्तिशाली बन गए और जब कुरुक्षेत्र में युद्ध हो रहा था तब उन्होंने पांडवो की तरह से लड़ने की इच्छा जाहिर किया। उनकी वीरता और शक्ति के बारे में भगवान् श्री कृष्ण भली-भाँति जानते थे, की यदि बर्बरीक युद्ध में भाग लेता है। तो पांडव बड़े आसानी से ही जीत हासिल करे लेंगे और न्याय की अभिव्यक्ति नहीं हो पायेगी।

तब श्री कृष्ण एक ब्राह्मण का रूप धरकर बर्बरीक से उसका सिर मांग लेते है बिना किस हिचकिचाहट के उन्होंने अपना सर काटकर श्री कृष्ण के चरणों में न्योछावर कर दिया था। बर्बरीक के इस बलिदान से श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और बर्बरीक को वचन दिया की हे ! शीशदानी बर्बरीक ! आज से मैं तुम्हें अपना नाम और अपनी शक्ति प्रदान करता हूँ।

जिसके बाद से तुम खाटू श्याम के नाम से जाने जाओगे कलयुग में जो भी तुम्हारी पूजा सच्ची भक्ति साधना के साथ करेगा उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। तभी से श्री खाटू श्याम मंदिर अस्तित्व में आया और राजस्थान के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों के रूप में श्री कृष्ण के साथ बर्बरीक को पूजा जाने लगा।

श्री खाटू श्याम बाबा के दर्शन कैसे करें:

  • श्री खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन https://shrishyamdarshan.in इस ऑफिसियल वेबसाइट से बुक कर सकते हैं। यदि आप बिना रजिस्ट्रेशन जाते है तो मंदिर के बाहर खड़े होकर पूजा अर्चना करना पड़ सकता है। मंदिर के भीतर कोई भी चीज साथ में लेकर जाना पूर्णतः मना है फिर चाहे वो प्रसाद ही क्यों न हो।
खाटू श्याम बाबा के दर्शन से पहले श्याम कुंड में स्नान करके दर्शन के लिए लाइन में लग जाये इसी कुंड से श्याम जी बाबा की मूर्ती प्रकट हई थी।

    बर्बरीक से खाटू श्याम कैसे बने ? :

    पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत युद्ध के समय बर्बरीक ने अपनी माँ को वचन देते है है की वो हमेशा कमजोर और निर्वल पक्ष से युद्ध करेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया पांडवो के पक्ष से लड़ने की सोचा। बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण जी के पास कुरुक्षेत्र में पहुंचते है तब श्री कृष्ण जी कहते है, की आप कमजोर निर्बल के पक्ष से युद्ध करना चाहते है वो ठीक है।

    लेकिन एक क्षण में ही दूसरा पक्ष आपसे हार जायेगा और वो कमजोर पड़ जायेगा क्योंकि कुरुक्षेत्र के इस युद्ध में भाग लेने बाला कोई योद्धा आपके बाणो का सामना नहीं कर पायेगा ये मै भली भांति जनता हूँ। तब बर्बरीक श्री कृष्ण से कहते हे ! प्रभु अब मैं क्या करूं , मै तो वचनबद्ध हूँ। यह भी पढ़ें: पकड़ लो हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे भजन हिंदी

    तब श्री कृष्ण एक ब्राह्मण का रूप लेकर उनकी परीक्षा लेते हैं। और बर्बरीक परीक्षा में पूर्ण सफल हो जाते हैं। श्री कृष्ण कहते हैं की ये योद्धा तो पूरा महाभारत एक दिन में समाप्त कर देगा। और न्याय की अभिव्यक्ति नहीं हो पायेगी। यह सोचकर श्री कृष्ण उसी क्षण बर्बरीक से उसका सिर मांग लेते है।

    ये सुनकर बर्बरीक को जरा भी हिचकिचाहट न करते हुए उन्होंने पल भर में अपने सर को धड़ से अलग कर प्रभु के चरणों में रख दिया। तब भगवान उनसे प्रसन्न होकर उन्हें वचन देते है की हे !शीशदानी आज से मैं तुम्हें अपना नाम देता हूँ और कलयुग में तुम्हें मेरे नाम श्याम के रूप में पूजेंगे तब से बर्बरीक का नाम खाटू श्याम पड़ा।

    श्री खाटू श्याम पूजा-विधि एवं नियम :

    हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा ! खाटू श्याम बाबा की पूजा हर माह की द्वादश के दिन होती है। जो इस दिन श्री खाटू श्याम की पूजा करता है वो मनुष्य भगवान श्री कृष्ण की ही पूजा करता है। और जो श्री कृष्ण की पूजा करता है वो भवसागर से पार होता है।

    ऐसी मान्यता भी है की यदि कोई भक्त खाटू श्याम जी बाबा के लगातार 5 द्वादस को व्रत रखकर उनकी सच्चे भक्ति से पूजा करता है तो उनके सारे बिगड़े हुए काम पूरे हो जाते है।

    श्री खाटू श्याम पूजा की सामग्री :

    एक मुट्ठी चाबल (बिना टुटा हुआ), घी का दीपक, खीर, चूरमा का लड्डू, एक मीठा पान, रोली, अक्षत !

    शाम के समय गौ पूजा करते हुए चौकी बनाकर इन सभी सामग्री को रखकर ज्योति जलाकर उसमे 5 बार देशी घी से आहुतियां देते हुए खाटू श्यामाये नमः का जाप करते रहना है। रोली और अक्षत मिलकर ज्योति में अर्पण करे उसके बाद 5 चूरमे के लडूओं की आहूतिया देनी होती है।

    श्री खाटू श्याम दर्शन का समय :

    सर्दियों के मौसम में दर्शनार्थियों के लिए मंदिर को प्रातः काल 5:00 बजे से 10:00 बजे तक खोला जाता है। और सायं काल 4:00 बजे पुनः मंदिर खोला जाता है जो रात्रि 9:00 बजे तक भक्तों को दर्शन के लिए खोला जाता है।

    यही गर्मियों के दिनों में प्रातः काल 4:30 बजे से 9:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खोला जाता है।

    खाटू श्याम मंदिर कहां स्थित पर है :

    श्री खाटू श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम नामक गांव में स्थित है। जो राजस्थान की राजधानी जयपुर से 80 और दिल्ली से 300 किलो० की दूरी पर है।

    खाटू श्याम के आस-पास घूमने योग्य स्थान :

    जब आप खाटू श्याम मंदिर दर्शन के लिए जाये और आपके समय हो तो आप सीकर जिले के आस पास की इन जगहों में घूमने जा सकते है।

    जीण मंदिर-देश की अतुल्य सांस्कृतिक मंदिर जीर्ण मंदिर खाटू श्याम से 25 किमी० की दूरी पर स्थित है जहाँ माँ दुर्गा रूप में पूजा जाता है।

    गायत्री मंदिर-खाटू श्याम धाम या बर्बरीक मंदिर परिसर में गायत्री माता का भी मंदिर बना हुआ है जिनके दर्शन के लिए श्रद्धालु यहाँ जाते है।

    सालासर बालाजी का मंदिर-खाटू श्याम धाम से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुजानगढ़ जिला में सालासर बालाजी धाम स्थित है। जहाँ हनुमान जी दाढ़ी मूंछ के साथ में मूर्ती रूप में स्थापित है। ये धाम भी खाटू श्याम की तरह ही पूरे भारत का प्रसिद्द तीर्थ-स्थल है। यह भी पढ़ें: श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी भजन लिरिक्स !

    हनुमान मंदिर-खाटू श्याम में हनुमान का बहुत ही प्राचीन मंदिर बना हुआ है यहाँ जाने से मनुष्य को सभी पापो से मुक्ति मिलती है।

    इन स्थानों के साथ ही लक्ष्मण गढ़ किला, सीकर म्युसियम, हर्षनाथ मंदिर, देवगढ़ किला, दांता रामगढ़, गणेश्वर,जयपुर पिकनिक स्पॉट घूम सकते हैं।

    श्री खाटू श्याम दर्शन के लिए कब जाना चाहिए :

    खाटू श्याम जी के दर्शन करने के लिए वैसे तो साल के 12 महीने श्रद्धालु आते रहते है। लेकिन खाटू श्याम दर्शन का सबसे सही समय जो है वो अगस्त-मार्च तक का समय सबसे बेस्ट होता है खास तौर पर जन्माष्टमी के समय यहाँ लाखो में दर्शनार्थी आते है।

    श्री खाटू श्याम कैसे पहुंचे :

    खाटू श्याम तक पहुंचने के लिए लगभग सभी विकल्प उपलब्ध हैं – बस, ट्रैन, और हवाई जहाज।

    ट्रेन द्वारा (by Train):
    बया ट्रैन (by Train)- ट्रैन द्वारा खाटू श्याम बाबा यात्रा पर पहुंचने बाले यात्रियों को सबसे पहले जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। यदि आपके होम सिटी से जयपुर के लिए डायरेक्ट ट्रैन नहीं है तो दिल्ली पहुंचकर जयपुर के लिए ट्रैन पकड़ सकते है। यह भी पढ़ें: मुरली मनोहर गोविंद गिरधर नमामि कृष्णम् लिरिक्स

    जयपुर से 80 किमी० की दूरी पर खाटू श्याम मंदिर रेलवे स्टेशन के बाहर या सिंधी बस स्टैंड से आपको खाटू श्याम के लिए डायरेक्ट बस सेवा या टैक्सी मिल जाएगी जिनका आवागमन दिन भर होता रहता है।

    बया हवाई जहाज (by Plane) : हवाई यात्रा से खाटू श्याम बाबा मंदिर पहुंचने वालों के लिए नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है। भारत के सभी प्रमुख शहरो से प्रतिदिन उड़ाने होती है।

    श्री खाटू श्याम में ठहरने और खाने की व्यवस्था :

    खाटू श्याम में दर्शनर्थियों के लिए रुकने की अच्छी व्यवस्था की गयी है जगह जगह पर धर्मशालाए बनी हुयी है। जिनका एक दिन का चार्ज 500 से 800 के बीच होता है। इसके साथ ही ठहरने के लिए प्राइवेट होटल भी मिल जायेंगे जिनके एक दिन का चार्ज मिनिमम 800 से 1000 हजार तक होता है। यह भी पढ़ें : तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे हिंदी लिरिक्स

    खाटू श्याम बाबा में खाने की व्यवस्था की बात करें तो यहाँ बहुत सारे रेस्टोरेंट (Restaurant) या फ़ूड (Food) की दुकानें मिल जाएँगी जो 150 से 200 रूपए में भरपेट भोजन मिल जाता है, यहां का खाना बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

    अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम हिंदी लिरिक्सराधा साध्यम साधनं यस्य राधा मंत्र लिरिक्स
    नमामिशमीशान निर्वाणरूपं रूपम शिव स्तुति मन्त्रराधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए लिरिक्स

    श्री कृष्ण भजन बहुत ही सुंदर एवं मनमोहक रविंद्र जैन जी द्वारा रचित